अमावस्या को हिंदू धर्म में खास महत्व दिया जाता है, जिस दिन लोग भगवान को याद करने के साथ पितरों के सम्मान में तर्पण और दान आदि करते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर महीने में एक यानि सालभर में 12 अमावस्याएं होती है। अगर अमावस्या सोमवार के दिन पड़ जाए तो इसे 'सोमवती अमावस्या' कहा जाता है, जिसे बहुत शुभ माना जाता है। पुण्य कमाने के लिए इस दिन लोग पवित्र नदी में स्नान भी करते हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे काम भी हैं, जिन्हें इस दिन करना वर्जित माना जाता है।
पीपल और तुलसी की पूजा का खास महत्व
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान सूर्य और तुलसी को अर्ध्य दें। इसके बाद भगवान शिव को भी चल चढ़ाएं। इसके अलावा इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा का भी खास महत्व है। दूध-दही, हल्दी, चंदन, रोली, अक्षत, फूल, काला तिल आदि पीपल पर चढ़ाकर 108 बार परिक्रमा करें। वहीं, तुलसी को हल्दी की गांठ, पान, फूल और धान अर्पित करें। इसके बाद घर आकर पितरों का तर्पण और गरीबों को दान-दक्षिणा दें।
सोमवती अमावस्या पर भूलकर भी ना करें ये काम
तामसिक भोजन न करें
सोमवती अमावस्या के दिन तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, शराब, नशीले पदार्थ आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसे भगवान व पितरों का अपमान माना जाता है।
लड़ाई झगड़ा न करें
घर की सुख-समृद्धि बनाए रखना चाहते हैं तो भूलकर भी इस दिन लड़ाई-झगड़ा ना करें। मान्यता है कि इस दिन घर में अशांति का माहौल हो तो उससे पति-पत्नी के रिश्ते में दरार आती है।
बाल और नाखून ना काटें
मान्यता है कि इस दिन बाल व नाखून भी नहीं काटने चाहिए। इससे ना सिर्फ धन की हानि होती है बल्कि पैसों व सुख-शांति का भी नाश होता है।
कपड़े ना धोएं
भूलकर भी इस दिन कपड़े ना धोएं क्योंकि इससे घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है। खासतौर पर इस दिन साबुन से कपड़े नहीं धोने चाहिए।
सरसों के तेल का यूज
शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन भोजन ही नहीं बल्कि मालिश के लिए भी सरसों के तेल का इस्तेमाल करना भी वर्जित होता है। मान्यता है कि इससे धन हानि होती है।
बुजुर्गों का अपमान ना करें
वैसे तो बुजुर्गों का कभी भी अपमान नहीं करना चाहिए लेकिन सोमवती अमावस्या के दिन खासतौर पर उनका सम्मान करें। नहीं तो घर की सुख-समृद्धि का नाश होगा और कलह-कलेश भी बढ़ेगा।
देर तक ना सोएं
अमावस्या के दिन देर तक सोने की बजाए सुबह जल्दी उठकर भगवान की अराधना करें। दिन के समय भी सोने से बचें। इससे शरीर में रोग आते हैं और साथ ही इसका असर आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है।
सोमवती अमावस्या के दिन क्या करें
. सुबह प्रातः काल उठकर किसी भी पवित्र नदी जैसे गंगा, यमुना आदि में स्नान करना शुभ माना जाता है। साथ ही नदी में दीप दान भी करें।
. पितरों के नाम से तर्पण, दान-पुण्य करने के साथ घर में उनके नाम का दीपक जलाएं।
. घर में सुख-समृद्धि चाहिए तो अमावस्या के दिन काली गाय को एक रोटी जरूर खिलाएं।
. अपनी समार्थ्या अनुसार गरीबों को दान आदि भी दें।