22 NOVFRIDAY2024 9:10:19 AM
Nari

खांसी, जुकाम ही नहीं नाखूनों में ये बदलाव भी है कोरोना वायरस के लक्षण

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 08 Jun, 2021 02:41 PM
खांसी, जुकाम ही नहीं नाखूनों में ये बदलाव भी है कोरोना वायरस के लक्षण

कोरोना वायरस की पहचान अब तक खांसी, जुकाम, बुखार और गले में खराश को लेकर की जा रही थी वहीं अब  नाखूनों को लेकर भी एक ऐसी जानकारी सामने आई हैं कि अगर आपके नाखूनों में इस तरह के बदलते प्रभाव दिखाई दें तो भी यह कोरोना का संकेत हो सकता हैं, आईए जानते हैं इनके बारे में-
 

इन लक्षणों से करें ‘कोविड नाखून’ की पहचान-
कोविड-19 संक्रमण के बाद, कुछ मरीज़ों में नाखूनों का रंग फीका पड़ रहा है। तो वहीं कई हफ्ते बाद उनका आकार बदलने लगता है - इसे ‘कोविड नाखून’ कहा जाता हैं। एक लक्षण नाखूनों के आधार पर लाल रंग की अर्ध-चंद्र की आकृति बनना है। ऐसा लगता है कि यह कोविड से जुड़ी नाखून की अन्य शिकायतों से पहले ही मौजूद था, रोगियों ने कोविड संक्रमण का पता लगने के दो हफ्ते से भी कम समय में इसे देखा है। 

PunjabKesari

नाखून पर लाल अर्ध-चंद्र आकृति
नाखून पर लाल अर्ध-चंद्र आकृति का दिखना विशेष रूप से कोविड-19 के संक्रमण का एक संकेत हो सकता है। नाखून पर यह अर्ध-चंद्र क्यों बनता है, इसका एक संभावित कारण वायरस से जुड़ी रक्त वाहिका में क्षति हो सकती है या फिर यह वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण हो सकता है जिससे रक्त के छोटे थक्के जमते हैं और नाखून का रंग फीका हो सकता है।
 

हाथों और पैरों के नाखूनों में दिखाई दें लक्षण तो हो जाए सावधान-
कुछ रोगियों ने अपने हाथों और पैरों की उंगलियों के नाखूनों में अलग तरह की रेखाएं भी देखीं जा रही हैं जो अमूमन कोविड-19 संक्रमण के चार सप्ताह या उससे अधिक समय बाद दिखाई देती हैं। सामान्यत: ये रेखाएं तब होती हैं जब किसी तरह के शारीरिक तनाव, जैसे संक्रमण, कुपोषण या कीमोथेरेपी आदि के दुष्प्रभाव के कारण नाखून की बढ़वार में अस्थायी रुकावट होती है। अब यह कोविड-19 के कारण भी हो सकते हैं।

PunjabKesari
 

नाखूनों के रंग बदलने के सामने आए तीन केस-

वहीं वर्तमान में, उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार, कोविड-19 संक्रमण की गंभीरता और नाखूनों में होने वाले परिवर्तन के प्रकार या समय सीमा के बीच कोई संबंध नहीं है। लेकिन शोधकर्ताओं ने कुछ अन्य असामान्य घटनाओं को भी दर्ज किया, जिसमें से एक महिला रोगी के नाखून आधार से ढीले हो गए और संक्रमण के तीन महीने बाद गिर गए। इस घटना को ओनिकोमाडेसिस के रूप में जाना जाता है। इस रोगी को इन परिवर्तनों के लिए उपचार नहीं मिला फिर भी बीमारी के कारण गिरे नाखूनों के नीचे नये नाखूनों को बढ़ते देखा जा सकता था, यह दर्शाता है कि समस्या अपने आप हल होने लगी थी। 
 

दूसरा केस- एक और मरीज के जांच में संक्रमित पाए जाने के 112 दिनों के बाद उसके नाखूनों के ऊपर नारंगी रंग का निशान देखा गया है। इसका कोई इलाज नहीं दिया गया और एक महीने के बाद भी यह निशान कम नहीं हुआ था, इसके पीछे अंतर्निहित कारण अज्ञात है। 
 

तीसरा केस- इस केस में मरीज के नाखूनों पर सफेद रेखाएं दिखाई दीं। इन्हें मीस लाइन्स या ट्रांसवर्स ल्यूकोनीचिया के नाम से जाना जाता है। वे कोविड-19 के संक्रमण की पुष्टि के 45 दिन बाद दिखाई दीं, ये नाखून बढ़ने के साथ ठीक हो जाती हैं और उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।

Related News