लहंगा हर महिला की पहली पसंद है। चाहे शादी हो या कोई इवेंट हर महिला इसे ही पहनना पसंद करती हैं। इसे घाघरा, चानियो, पारो, पावड़ा या लाचा के नाम से भी जाना जाता है।लहंगे को सजाने के लिए कढ़ाई के पारंपरिक कढ़ाई के विभिन्न पैटर्न और शैलियों का प्रयोग किया जाता है। कढ़ाई गोटा पट्टी का उपयोग अक्सर शादियों में किया जाता है। लहँगा ज्यादातर घाघरा के नाम से ही जाना जाता है।यह एक भारतीय परंपरा परिधान है जो 16वी शताब्दी लोकप्रिय हुआ । उत्तर भारत में, मुगलों ने इसे भारतीय फैशन के रूप में विकसित किया था और सुविधा के कारण लहंगा सभी उम्र और वर्गों की महिला महिलाओं के लिए एक पसंदीदा पोशाक बन गया।
हर महिला की पहली पसंद बना लहंगा
खूबसूरत दिखने के लिए आज कल हर औरत, लड़की लहँगा पहनना ही पसंद करती है।शादियों का सीजन आते ही बाजारों में भीड़ बहुत ही बढ़ जाती है। शादी के कितने दिनों पहले ही लोग कार्यक्रमों की तैयारियां करने लगते हैं।हर कोई सबसे बेस्ट दिखना चाहता है बात करें अगर दुल्हन की तो वो भी काफी दिन पहले से ही ट्रेंडिंग आउटफिट की तलाश में जुट जाती हैं। शादी के दिन सबसे अलग और सबसे खूबसूरत दिखना हर ब्रांइड़ का सपना होता है।अपनी शादी के लिए हर कोई भारी लहंगे को ही पहनना पसंद करते हैं वह सोचती है कि मैं वह लहँगा कैरी करू जिसमें मैं बहुत ही खूबसूरत और अलग दिखूं ।आज कल तो शादी से जुड़े लगभग हर फंक्शन के लिए दुल्हनें लहंगा पहनना ही पसंद करती हैं जैसे कि कॉकटेल, मेहंदी, संगीत जैसे कई फंक्शन में लहँगा ही कैरी करती है।
इन इवेंट में कर सकती हैं ट्राई
हल्दी के लिए बेस्ट हैं पीला आउटफिट शादी में हल्दी का कार्यक्रम काफी अहम होता है। जिसमें लड़कियों को लहंगा पहनने का काफी क्रेज रहता है। लैक्मे फैशन वीक में सुष्मिता सेन और नुसरत भरूचा ने पीले रंग का लहंगा कैरी किया था। दोनों का ही लुक हल्दी के कार्यक्रम के लिए बेस्ट था। दुल्हन के अलावा उसकी सहेलियां भी इस तरीके के लहंगे हल्दी के लिए तैयार करा सकती हैं। ऐसे लहंगे काफी हल्के भी होते हैं।