नारी डेस्क : ब्रेन स्ट्रोक (मस्तिष्क का आघात) एक जानलेवा स्थिति है। जब मस्तिष्क की कोई नस ब्लॉक हो जाती है तो दिमाग को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे ब्रेन स्ट्रोक होता है। अगर समय पर इलाज न मिले, तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बड़े ब्रेन अटैक से पहले हल्का ब्रेन स्ट्रोक या मिनी स्ट्रोक भी हो सकता है? इसे ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक (TIA) भी कहते हैं।
मिनी ब्रेन स्ट्रोक क्या है?
मिनी ब्रेन स्ट्रोक दिमाग की किसी नस के ब्लॉक होने से होता है। इसकी वजह से दिमाग को ऑक्सीजन मिलना बंद हो जाता है, लेकिन यह नुकसान स्थायी नहीं होता। सामान्यतः 24 घंटे के अंदर यह अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन इन्हें हल्के में लेना सिर्फ़ खतरनाक हो सकता है। इसलिए समय रहते डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।

मिनी ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
शरीर के एक तरफ चेहरा, हाथ या पैर में सुन्नता या कमजोरी
बोलने में कठिनाई होना और अचानक भ्रम या याददाश्त में गड़बड़ी आना।
आंखों में अचानक समस्या या धुंधलापन और चक्कर आना या घूमना।
संतुलन खोना या अचानक चलने में मुश्किल
पेट में खाना जमने लगता है या फैट सही तरीके से पच नहीं रहा
इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।

स्ट्रोक से बचाव के लिए आहार
ब्रेन स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए कम फैट, कम नमक और अधिक फाइबर वाला आहार अपनाएं। कुछ फायदेमंद खाद्य पदार्थ।
नाशपाती : उच्च फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर
स्ट्रॉबेरी : हृदय और दिमाग के लिए अच्छी
एवोकैडो : स्वस्थ फैट से भरपूर, नसों को मजबूत बनाए

मिनी ब्रेन स्ट्रोक या ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक बड़े ब्रेन अटैक से पहले चेतावनी देता है। अगर आप इन हल्के लक्षणों को समय रहते पहचान लें और डॉक्टर से सलाह लें, तो गंभीर ब्रेन स्ट्रोक से बचा जा सकता है। इसके अलावा स्वस्थ आहार और लाइफस्टाइल अपनाना भी स्ट्रोक का खतरा कम करता है।