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सुखी वैवाहिक जीवन के लिए महादेव व पार्वती से सीखें ये बातें, रिश्ते में बनी रहेगी मिठास

  • Edited By neetu,
  • Updated: 01 Mar, 2022 12:42 PM
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए महादेव व पार्वती से सीखें ये बातें, रिश्ते में बनी रहेगी मिठास

आज महाशिवरात्रि का पावन त्योहार है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था। इस शुभ दिन पर लोग शिव पूजा और व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि इससे मनचाहा साथी मिलता है। हिंदू धर्म में भगवान शिव को गृहस्थ जीवन के देवता माना जाता है। ऐसे में हर कपल को देवी पार्वती और भगवान शिव से सुखी वैवाहिक जीवन से जुड़ी कुछ सीख भी लेनी चाहिए। चलिए जानते हैं इसके बारे में...

समानता

भगवान शिव अर्धनारीश्वर भी कहलाता हैं। इसका अर्थ है आधा पुरुष और आधा स्त्री होना। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, एक बार भगवान शिव ने अर्धनारीश्वर का रूप धारण किया है। ऐसे में उनका ये रूप हर शादीशुदा जोड़े के लिए एक सीख है। महादेव का यह रूप इस बात को दर्शाता है कि चाहे पति-पत्नी का शरीर अलग हो मगर ये मन से एक ही होते हैं। इसलिए कपल्स को एक-दूसरे का सम्मान करने के साथ बराबर का आदर-सम्मान देना चाहिए। किसी बात पर बहस या झगड़ा करने की जगह पर प्यार से उस मसले को सुलझाना चाहिए।

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प्यार

माता पार्वती एक खूबसूरत, कोमल व सभी सुख भोगने वाली राजकुमारी थीं। मगर भगवान शिव भस्मधारी, गले में सर्प की माला पहनने वाले एक वैरागी थे। मगर फिर भी देवी पार्वती भगवान शिव से प्रेम करती है। वे उनके रंग-रूप से नहीं बल्कि स्वभाव, भोलेपन से प्रेम करती थी। वहीं आज के जीवन में गृहस्थ जीवन के लिए एक-दूसरे के प्रति प्यार होना बेहद जरूरी है। तभी शादीशुदा जिंदगी अच्छे से चल सकती है।

ईमानदारी और त्याग की भावना

कोई भी रिश्ता विश्वास, प्रेम, ईमानदारी और त्याग से जुड़ा होता है। ऐसे में माात पार्वती और भगवान शिव दोनों ही एक-दूसरे के प्रति ईमानदार, त्याग व प्रेम भाव रखते हैं। पुराणों अनुसार, पिता दशरथ द्वारा भगवान शिव का अपमान करने पर मां गौरी दुखी होकर सती हो गईं थीं। दूसरी और माता के सती होने पर भोलेनाथ ने रौद्र रूप लेकर विश्व को नष्ट करने के लिए तांडव करने लगे थे। ऐसा करना दोनों का एक-दूसरे के प्रति प्यार, ईमानदारी को दर्शाता है। ऐसे में हर शादीशुदा जोड़े को शिव-पार्वती जी से सीक लेनी चाहिए।

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परिवार में सतुंलन बनाएं रखना

परिवार को सही से चलाने के लिए हमें भगवान शिव जी से मेनेजमेंट की बातें सीख लेनी चाहिए। आमतौर पर घर में 4 लोग होने पर भी वे आपस में झगड़ पड़ते हैं। मगर इसपर हमें शिवजी के परिवार से सीख लेनी चाहिए। असल में, उनके परिवार में रहने वाले दुश्मन भी प्यार से रहते हैं। उदाहरण अनुसार, शिव जी के गले का सांप और उनके पुत्र गणेश जी का वाहन चूहा आपस में शत्रु माने जाते हैं। इसके साथ ही मां पार्वती का वाहन शेर और भगवान शिव का बैल है। इन्हें भी एक-दूसरे का दुश्मन माना जाता है। मगर फिर भी इनके परिवार में कभी कोई लड़ाई नहीं करता है। ऐसे में हमें भी भगवान शिव के परिवार से एक साथ रहने की सीख लेनी चाहिए।

 

 

 

 

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