कहते हैं कुछ करने की कोई उम्र नहीं होती। इस बात को सच कर दिखाया है उत्तराखंड की रहने वाली 13 साल की रिद्धिमा पांडे ने। 10 वीं में पढ़ने वाली रिद्धिमा पर्यावरण एक्टिविस्ट हैं। वह उस समय चर्चा में आईं जब उन्होंने महज नौ साल की उम्र में भारत सरकार पर जलवायु परिवर्तन को लेकर कोई कदम न उठाने पर केस दायर किया।
संयुक्त राष्ट्र से भी कर चुकीं शिकायत
रिद्धिमा ने 2019 में कुछ बाल याचिकाकर्त्ताओं के साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन को लेकर कोई काम न करने पर संयुक्त राष्ट्र में भारत समेत अन्य 5 देशों के खिलाफ मुकद्दमा दायर किया था। इससे पहले 2017 में उन्होंने सरकार के खिलाफ भी नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की।
इनसे मिली प्रेरणा
रिद्धिमा को पर्यावरण को लेकर काम करने की प्रेरणा अपने माता-पिता और पर्यावरण एक्टिविस्ट से मिली। रिद्धिमा के पिता एक वकिल हैं जो अधिक समय वन्यजीव संरक्षण पर काम कर रहे हैं और मां उत्तराखंड वन विभाग में काम करती हैं।
ऐसे बनीं पर्यावरण एक्टिविस्ट
एक इंटरव्यू में रिद्धिमा बताती हैं कि जब वह 5 साल की थीं तब 2011 में उत्तराखंड के केदारनाथ में भीषण त्रासदी हुई थी। कई लोग मारे गए थे। कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया था। वह डर गई थीं। उन्होंने अपने माता पिता से इसका कारण पूछा था तब उन्हें जलवायु परिवर्तन के बारे में पता चला। इसके बाद उन्होंने इस बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त की और पर्यवरण एक्टिविस्ट बन गईं।