पीसीओएस (PCOS) आज हर 10 में से 8वीं महिला की समस्या बन गई है, जिसका एक सबसे बड़ा कारण है गलत लाइफस्टाइल। इसके कारण महिलाओं के ना सिर्फ मोटापा, मुहांसे, बाल झड़ने जैसी समस्याएं झेलनी पड़ती है बल्कि यह प्रेगनेंसी पर भी असर डालता है। पीसीओएस से जुड़ी ऐसी बहुत-सी बातें हैं, जो महिलाओं को पता नहीं होती।
इसी सिलसिले में डॉक्टर रीतू नंदा से बातचीत की गई। तो चलिए जानते हैं पीसीओएस से जुड़ी कुछ जरूरी बातें, जो हर महिला को पता होनी चाहिए...
सवाल: क्या है पीसीओएस (PCOS)
जवाब: पीसीओएस एक हार्मोनल डिसफंक्शन है, जिसमें शरीर के बहुत सारे फंक्शन डिस्टर्ब होते हैं जैसे पीरियड्स अनियमित होना, स्किन प्रॉब्लम्स होनी शुरू हो जाती है। इसमें महिलाओं के शरीर में मेल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। अगर समय रहते इसका इलाज ना किया जाए तो यह हार्ट डिसीज, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और यूट्राइन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
सवाल: पीसीओएस (PCOS) के लक्षण क्या है?
जवाब: किसी महिला में तो पीसीओएस के सभी लक्ष्ण दिखाई देते हैं लेकिन कुछ महिलाओं में कुछ संकेत ही दिखते हैं। इसके कारण अनचाहे बाल, पिंपल्स, बाल झड़ना, अनियमित पीरियड्स और मोटापे जैसी समस्याएं देखने को मिलती है।
सवाल: क्या प्रेगनेंसी पर पड़ता है इसका असर?
जवाब: बिल्कुल, पीसीओएस के कारण महिलाओं को मां बनने में भी समस्या होती है। हार्मोनल इम्बैलेंस के चलते, ओवलुशन की प्रक्रिया पर असर पड़ता है। पीसीओएस एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जो गर्भाश्य में अंडा नहीं बनने देता। अगर अंडा नहीं बनेगा तो महिलाएं कंसीव भी नहीं कर पाएंगी।
सवाल: क्या PCOS में IVF से ही होगा बच्चा?
जवाब: पीसीओएस की भी कैटगिरी होती है इसलिए जरूरी नहीं कि इसमें आईवीएफ ही किया जाए। कई बार पेशेंट दवा से भी ठीक हो जाता है।
सवाल: क्या लाइफस्टाइल से है इसका क्नैक्शन
जवाब: जी हां, अगर लाइफस्टाइल सही हो तो पीसीओएस को 40% तक कम किया जा सकता है। इसके लिए योग, एक्सरसाइज करें। गैजेट्स छोड़ सैर करें। मीठे चीजें, जंक फूड्स से परहेज करें। इसकी बजाए फल, नट्स हरी सब्जियां अपनी डाइट में शामिल करें।
सवाल: दवा कोर्स पूरा करने के बाद PCOS दोबारा क्यों हो जाता है?
जवाब: ऐसा इसलिए होता है क्योंकि महिलाएं दवा तो लेती हैं लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव नहीं करती। पीसीओएस को जड़ से खत्म करने के लिए जितनी जरूरी दवा है उतना ही जरूरी सही खान-पान व एक्सरसाइज करना भी जरूरी है।
सवाल: कितने समय तक चलती है दवाई?
जवाब: डॉक्टर रितू नंदा की माने तो पीसीओएस की दवा काफी लंबे समय तक चलती है लेकिन जो महिलाएं लाइफस्टाइल सही कर लेते हैं तो उन लोगों की दवाई बंद भी हो जाती है।
सवाल: क्या मेटाफॉमिन पीसीओएस के लिए सेफ है?
जवाब: कई बार मरीज को लगता है कि मेटाफॉमिन शुगर की दवा है इसलिए यह पीसीओएस के लिए सही नहीं, जबकि ऐसा नहीं है। एक दवा कई तरीके से काम करती है। मेटाफॉमिन मेटाबॉलिज्म को सही रखती है, जो पीसीओएस के लिए बहुत जरूरी है इसलिए आप इसे बिना किसी डर के खा सकती हैं।
सवाल: पीसीओएस से बचने के लिए क्या करें?
जवाब: पीसीओएस से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप हैल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें। डाइट में रोजाना 100 ग्राम नट्स जैसे बादाम, किश्मिश, काजू जरूर लें। शुगरी, जंक फूड्स से परहेज करें। इसके अलावा आर्गेनिक फल व सब्जियां खाएं।