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World Hypertension Day: 33% भारतीय इस 'साइलेंट' बीमारी से अंजान, देसी नुस्खों से रखें बचाव

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 17 May, 2020 10:13 AM
World Hypertension Day: 33% भारतीय इस 'साइलेंट' बीमारी से अंजान, देसी नुस्खों से रखें बचाव

खराब लाइफस्‍टाइल और ढेर सारा तनाव लेने से काफी लोगों को हाई ब्लड प्रैशर की शिकायत होने लगी है, जिसे हाइपटेंशन भी कहा जाता है। जहां पहले यह बीमारी बुढ़ापे में हुआ करती थी, वहीं आजकलर युवाओं में ये समस्या देखने को मिल रही है। अगर हाइपटेंशन को कंट्रोल ना किया जाए तो इससे हार्ट अटैक या फिर ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। हालांकि कुछ घरेलू टिप्स और लाइफस्टाइल में थोड़ा-सा बदलाव करके आप इसके खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

 

आज विश्व हाइपरटेंशन डे (World Hypertension Day) के मौके पर हम आपको बताएंगे इस बीमारी के कारण, लक्षण और कुछ घेरलू टिप्स, जिससे आप इसके खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

 

क्या है हाइपरटेंशन?

हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप वह स्थिति होती है, जब धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें तनाव, फास्ट फूड, व्यायाम की कमी, धूम्रपान का सेवन आदि शामिल है। सामान्य रक्तचाप का रेंज 120/80 MMHG होता है। हाइपरटेंशन बढ़ने से इसका असर शरीर के मुख्य अंगों जैसे, ब्रेन, किडनी, हृदय, आंख आदि पर होता है।

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हाइपरटेंशन के कारण

हाइपरटेंशन कई कारणों से होता है, जिनमे से कुछ कारण शारीरिक और कुछ मानसिक होते हैं जैसे कि - 

अत्यधिक तनाव में रहना
स्मोकिंग या नशे की लत
नींद न आने की समस्या
एक्सरसाइज न करना
खून में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना
मोटापा
आनुवांशिक
अधिक मांसाहारी भोजन करना
अधिक तैलीय भोजन करना
शराब पीना
जरूरत से ज्‍यादा काम
विटामिन डी की कमी

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हाइपरटेंशन के लक्षण

हाइपरटेंशन एक साइलेंट किलर है, जिसका कारण है लोगों में जागरूकता की कमी। सर्वे के मुताबिक, लगभग 33% भारतीय लोगों को इसके लक्षणों का नहीं पता होता है, जिसके कारण यह बीमारी खतरनाक रूप ले लेती हैं। चलिए आपको बताते हैं कि हाइपरटेंशन में कौन-कौन से संकेत मिलते हैं।

अचानक तेज सिरदर्द
थकान अथवा असमंजस की स्थिति
चक्कर और उल्टी आना
धुंधला दिखाई देना
छाती में तेज दर्द
सांस लेने में तकलीफ
अनियमित दिल की धड़कन
पेशाब करते समय खून आना

6 महीने में एक बार चेक कराएं BP

40 की उम्र पार करने वाले व्यक्तियों को 6 महीने में एक बार बीपी जरूर चेक करवाना चाहिए। हालांकि यह समस्या आजकल युवाओं में भी दिखाई दे रही है ऐसे में बेहतर होगा कि आप इसकी रेगुलर जांच करवाएं, ताकि इसके खतरे को समय रहते कम किया जा सके।

बीपी के घरेलू उपाय

लौकी का जूस

सुबह खाली पेट रोज लौकी रस पीने से  हाई ब्लड प्रैशर की समस्या नहीं होती। इसके अलाव इससे दिल और डायबिटीज की बीमारियां भी दूर रहती है।

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प्याज का रस

प्याज के रस में 1 चम्मच शुद्ध देसी घी मिलाकर खाने से इस बीमारी में आराम मिलता है।

मेथी के दाने

सोने से मेथी के दानों को गर्म पानी में भिगो दें। सुबह उठकर खाली पेट इसका पानी पीने और दानें चबाने से हाई ब्लड प्रैशर दूर हो जाता है।

काली मिर्च

ब्लड प्रैशर बढ़ने पर आधा गिलास गर्म पानी में काली मिर्च पाउडर मिलाएं और 2-2 घंटे बाद इसका सेवन करें। इससे ब्लड प्रैशर कंट्रोल रहेगा।

तांबे के बर्तन में पिएं पानी

रोजाना तांबे के बर्तन में रखा पानी पीएं। इससे उच्च रक्तचाप से राहत मिलेगी।

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ऐसे करें बचाव

जिन लोगों के परिवार के सदस्यों को हाई बीपी की समस्या है, उन्हें नियमित रूप से बीपी चेक कराना चाहिए। इसके अलावा आप लाइफस्टाइल और डाइट में कुछ बदलाव करके इसके खतरे को कम कर सकते हैं।

-धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें। 
-हरी-सब्जियों और फलों का सेवन करें। साथ ही खाना बनाने में अदरक या लहसुन का अधिक करें। 
-कम फैट वाले डेयरी प्रॉडक्ट्स को डायट में शामिल करें और भोजन में नमक की मात्रा कम रखें।
-रोजना करीब एक घंटे तक व्यायाम करें। इसके अलावा शरीर को एक्टिव रखें और अपना वजन घटाएं। 
-रोजाना मॉर्निंग वॉक या रनिंग की आदत डालें। 
-गुस्सा, परेशानी और निगेटिव एनर्जी से दूर रहें।
-योगासन जैसे शवासन योग निद्रा, पद्मासन, पवन मुक्तासन, मकरासन, शीतली प्राणायाम, ध्यान आदि से भी हाइपरटेंशन  को कंट्रोल किया जा सकता है।

 

हाइपरटेंशन में हार्ट, किडनी व शरीर के अन्य अंग काम करना बंद कर सकते हैं। इसके अलावा हाई बीपी के कारण आंखों पर भी असर पड़ता है इसलिए इस बीमारी को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।  

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