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कौन हैं वो दो ISIS आतंकी जिन्हें इंडोनेशिया ने भारत को सौंपा? पहलगाम हमले के बाद बड़ा कदम

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 19 May, 2025 01:57 PM
कौन हैं वो दो ISIS आतंकी जिन्हें इंडोनेशिया ने भारत को सौंपा? पहलगाम हमले के बाद बड़ा कदम

नारी डेस्क: भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक और बड़ी सफलता मिली है। इंडोनेशिया ने दो संदिग्ध आतंकियों को भारत को सौंपकर अपनी मजबूत दोस्ती और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख दिखाया है। ये दोनों आतंकी अब्दुल्ला फयाज शेख उर्फ डायपरवाला और तालहा लियाकत खान उर्फ तल्हा खान हैं जो कथित रूप से महाराष्ट्र में ISIS के स्लीपर सेल से जुड़े हुए थे। इन्हें जकार्ता से मुंबई लाया गया, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।

कौन हैं ये दोनों आतंकी?

अब्दुल्ला फयाज शेख और तालहा लियाकत खान दोनों पर लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की नजर थी। बताया गया है कि दोनों 2023 के पुणे IED धमाके के मामले में वांछित थे। अब्दुल्ला पर ₹3 लाख का इनाम घोषित था। तालहा पर भी आतंकवादी गतिविधियों और बम बनाने की योजना में शामिल होने का आरोप है। उस पर भी ₹3 लाख का इनाम रखा गया था।

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इन दोनों पर UAPA (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) और अन्य कड़े आतंकवाद-रोधी कानूनों के तहत मामले दर्ज हैं। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ये दोनों अन्य कट्टरपंथियों के साथ मिलकर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल थे और देश की शांति के लिए खतरा बनते जा रहे थे।

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद आया यह बड़ा कदम

अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे। इसी कड़ी में इंडोनेशिया से इन दो आतंकियों की गिरफ्तारी भारत के लिए एक बड़ा सहारा साबित हो सकती है। इससे न केवल ISIS के नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी जाएगा।

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इंडोनेशिया ने दिखाया भरोसा और समर्थन

इंडोनेशिया, जो दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है, ने बार-बार आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। भारत और इंडोनेशिया के रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में काफी मजबूत हुए हैं। इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिला जब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लिया और पाकिस्तान की अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी। यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते विश्वास और सहयोग को दर्शाता है।

आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति

जनवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति सुबियांतो के बीच हुई बैठक में आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने पर सहमति बनी थी। दोनों नेताओं ने निम्नलिखित मुद्दों पर मिलकर काम करने का संकल्प लिया आतंकियों की फंडिंग रोकना, ऑनलाइन कट्टरता पर लगाम, आतंकियों की भर्ती की प्रक्रिया को रोकना, आतंकवादी संगठनों को मिलने वाले सहयोग और ठिकानों को खत्म करना। इस बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में साफ कहा गया था कि दोनों देश आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करते हैं और इस खतरे से निपटने के लिए मिलकर काम करेंगे।

इस्लाम के नाम पर हिंसा को नकारा

राष्ट्रपति सुबियांतो ने भारतीय राजदूत से मुलाकात में साफ तौर पर कहा कि पहलगाम हमला "इंडोनेशिया में माने जाने वाले इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है।" उन्होंने आतंकवाद को इस्लाम से जोड़ने की कोशिशों की आलोचना की और कहा कि इस्लाम शांति, भाईचारे और मानवता का धर्म है।

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वैश्विक आतंकवाद को मिला करारा जवाब

इंडोनेशिया द्वारा भारत को दिए गए सहयोग ने यह साफ कर दिया है कि अब देश और सरकारें आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगी। यह कदम केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक संदेश है कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर ही लड़ा जा सकता है। इन दो आतंकियों की गिरफ्तारी भारत को ISIS के नेटवर्क को तोड़ने में मदद देगी और साथ ही भविष्य के हमलों को रोकने की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।

भारत और इंडोनेशिया की यह साझेदारी आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक मजबूत उदाहरण बन सकती है।

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