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मिलिए अतीका मीर से, 10 साल की कश्मीरी लड़की जो अंतरराष्ट्रीय मोटरस्पोर्ट में कर रही है कमाल

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 14 Aug, 2025 02:46 PM
मिलिए अतीका मीर से, 10 साल की कश्मीरी लड़की जो अंतरराष्ट्रीय मोटरस्पोर्ट में कर रही है कमाल

नारी डेस्क:  मोटरस्पोर्ट की दुनिया में आमतौर पर लड़कों का दबदबा देखा जाता है, लेकिन कश्मीर की 10 साल की अतीका मीर इस धारणा को तोड़ रही हैं। श्रीनगर की रहने वाली यह नन्ही रेसर आज अंतरराष्ट्रीय रेसिंग ट्रैक्स पर भारत का परचम लहरा रही है। कम उम्र में ही अतीका ने जो मुकाम हासिल किया है, वह न केवल काबिले तारीफ है बल्कि देश की हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जो बड़ी सोच रखती है और ऊंची उड़ान भरना चाहती है।

अतीका ने अपनी रेसिंग की शुरुआत मात्र छह साल की उम्र में की थी। उनके पिता आसिफ नज़ीर मीर, जो भारत के पहले राष्ट्रीय कार्टिंग चैंपियन रह चुके हैं, ने उनकी खूब मदद की और उन्हें प्रशिक्षण दिया। उनकी मेहनत रंग लाई और वे कई बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय लड़की बनीं। उन्होंने फ्रांस के ले मैंस में आयोजित रोटैक्स मैक्स चैलेंज इंटरनेशनल ट्रॉफी में हिस्सा लिया, जहां वे जीत हासिल करने वाली अकेली लड़की भी बनीं। इसके अलावा, उन्होंने रोटैक्स यूरो ट्रॉफी में भी टॉप 10 में जगह बनाई, जो एक बड़ी उपलब्धि है।

उनकी तेजी से बढ़ती हुई प्रतिभा को देखते हुए उन्हें 2025 के फ़ॉर्मूला 1 अकादमी के "डिस्कवर योर ड्राइव" कार्यक्रम में चुना गया। यह कार्यक्रम युवा रेसर टैलेंट को निखारने के लिए बनाया गया है। अतीका इस कार्यक्रम में एकमात्र एशियाई प्रतिभागी हैं और सबसे कम उम्र की प्रतिभागियों में से भी एक हैं। इसके साथ ही वे AKCEL GP रेसिंग अकादमी की सदस्य भी बन गई हैं, जो संयुक्त अरब अमीरात की एक रेसिंग टीम है। यह टीम फार्मूला रेसिंग के लिए युवा रेसर्स को प्रशिक्षण देती है।

अतीका सिर्फ रेसिंग में ही नहीं, बल्कि अपने स्कूल के काम और शारीरिक फिटनेस को भी अच्छे से संतुलित रखती हैं। वे अपने रेसिंग कौशल को बेहतर बनाने के लिए लगातार मेहनत करती हैं। उनका सपना भारत की पहली महिला फॉर्मूला 1 ड्राइवर बनने का है। वे चाहती हैं कि वे केवल खुद के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की युवा लड़कियों के लिए एक प्रेरणा बनें, ताकि वे भी मोटरस्पोर्ट में अपने सपनों को पूरा कर सकें।

कश्मीर की घाटियों से लेकर अंतरराष्ट्रीय रेसिंग ट्रैक तक पहुंचने वाली अतीका की यह कहानी न केवल उनकी खुद की सफलता की है, बल्कि भारतीय मोटरस्पोर्ट के उज्जवल भविष्य का भी परिचायक है। उनकी मेहनत और लगन इस बात का प्रमाण है कि सही प्रतिभा और मेहनत से कोई भी भारतीय रेसर दुनिया के उच्चतम स्तर पर सफलता पा सकता है।

अतीका मीर की कहानी एक प्रेरणा है, जो दिखाती है कि जब जूनून और मेहनत साथ हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। वे रेसिंग की दुनिया में महिलाओं के लिए एक नया रास्ता बना रही हैं और आने वाले समय में उनकी उपलब्धियां और भी बढ़ने वाली हैं।  

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