वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में खिड़कियों का होना बहुत जरूरी होता है। खिड़कियां ना सिर्फ हवा और सूर्य की रोशनी को अंदर लाने में सहायक है बल्कि यह नेगेटिव एनर्जी बाहर निकालकर पॉजिटिव एनर्जी घर में लाने का काम करती हैं। घर बनाते समय कुछ वास्तु नियमों को ध्यान में रखकर ही खिड़कियां बनाएं। तो चलिए जानते हैं इसके कुछ नियम।
खिड़कियां खोलते वक्त ना आए अवाज
हमेशा ध्यान रखें कि खिड़कियां खोलते और बंद करते समय आवाज नहीं आनी चाहिए। इसका प्रभाव घर की सुख-शांति पर पड़ता है और परिवार के सदस्यों का ध्यान भंग होता है।
सम संख्या में ही बनाएं
घर में खिड़कियों की संख्या सम (ऑड) होनी चाहिए, जैसे- 2, 4 या 6। इससे घर में नेगेटिव एनर्जी प्रवेश नही होती।
सही साइज
खिड़की की साइज दीवार के अनुपात में ही होनी चाहिए। न तो यह ज्यादा बड़ी न छोटीइसके
दीवार पर 1 खिड़की
कमरे की 1 दीवार पर हमेंशा 1 ही खिड़की बनाएं। ज्यादा नही बनानी चाहिए।
पूर्व दिशा में बनाएं
संभव हो तो घर की पूर्व दिशा की ओर खिड़की जरूर बनवानी चाहिए। जिससे रोज सुबह सूरज की किरणें सीधे कमरे में आ सके। यह आपके परिवार के लिए बहुत ही फायदेमंद होगा। अगर पूर्व दिशा में खिड़की बनवाना संभव न हो तो रोशनदान भी बनवा सकते हैं।
टाईम पर करें मरम्मत
समय-समय पर खिड़कियों की मरम्मत करवाना बहुत जरूरी होता है। इसके साथ रंग-रोगन जरूर करवाएं।