बच्चों की त्वचा बहुत ही नाजुक होती है जरा सी भी लापरवाही के कारण बच्चों की त्वचा पर समस्याएं होने लगती हैं। इसके अलावा पेरेंट्स बच्चों के स्किन पर कई तरह के प्रोडक्ट्स भी इस्तेमाल करती हैं। ज्यादा प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करनेसे बच्चों की त्वचा पर रैशेज, फोड़े-फुंसी और खुजली की समस्या होने लगती है। ऐसे में बच्चों की त्वचा को एक्स्ट्रा देखभाल की जरुरत होती है। तो चलिए आज आपको इस आर्टिकल के जरिए बताते हैं कि आप बच्चों की त्वचा की देखभाल कैसे कर सकते हैं...
बार-बार बदलें डायपर
बच्चे की त्वचा बहुत ही नाजुक होती है ऐसे में कोशिश करें कि डायपर को 3-4 घंटे में बदलते रहें। डायपर बदलने के दौरान उनके प्राइवेट पार्ट को खुला छोड़ें ताकि थोड़ी सी हवा उसे लग जाए इससे त्वचा को नमी से राहत मिलेगी और बच्चों को इरिटेशन भी कम होगी। नया डायपर बदलने से पहले अच्छे से गीले कपड़े से बच्चे की स्किन को साफ करें।
सीधी धूप से दूर रखें बच्चे
यदि आपका बच्चा 6 महीने से छोटा है तो उसे जितना हो सके धूप से दूर ही रखें। हालांकि सर्दियों में यदि आप धूप बच्चे को दिलवाते हैं तो थोड़ा ध्यान रखें। बच्चों की त्वचा बहुत ही कोमल होती है ऐसे में धूप में ले जाने के कारण स्किन पर रैशेज, जलन और खुजली की समस्या उन्हें हो सकती है।
रोज न नहलाएं
जब तक बच्चे घुटनों के बल चलना शुरु नहीं करता उसे हफ्ते में 3-4 बार नहलाएं। इससे ज्यादा यदि आप उन्हें नहलाएंगे तो उनकी त्वचा ड्राई होने के साथ-साथ खुजली की समस्या होने लगती है। नहलाने के बजाए रोज बच्चे के डायपर के आस पास जांघों को अच्छी तरह से साफ करें। इसके अलावा बच्चों को नहलाते हुए ड्राई मुक्त बेबी वॉश इस्तेमाल करें।
कम इस्तेमाल करें मॉइश्चराइजर
यदि आपके बच्चे की स्किन सेंसिटिव है तो उन्हें बिल्कुल भी मॉइश्चराइजर न लगाएं। इससे उनकी त्वचा पर एलर्जी हो सकती है। यदि बच्चे की स्किन ज्यादा रुखी है तो आप उस जगह पर पेट्रोलियम जेली लगा सकते हैं। कई बार बच्चों को ज्यादा मॉइश्चराइजर लगाने से भी त्वचा में जलन पैदा हो सकती है।
डायपर रैश होने पर क्या करें?
यदि बच्चों को डायपर के कारण रैशेज होते हैं तो उनके प्राइवेट पार्ट को हल्के गुनगुने पानी के साथ धोएं। बच्चों का डायपर जरुर बदलें। यदि आप कपड़े के डायपर का इस्तेमाल करते हैं तो कैमिकल युक्त डिटर्जेंट पाउडर का इस्तेमाल करने से बचें। धोने के बाद डायपर धूप में भी जरुर सुखाएं ताकि वह उसे किसी तरह की बैक्टीरिया प्रॉब्लम न हो।