होली भारत का मुख्य त्योहार है। मगर इसे भारत के साथ पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है। लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की बधाई देते हैं। इस दिन दुश्मन भी गले लग जाते हैं। ऐसे में इसे खुशियों का त्योहार कहा जाता है। साथ ही लोग इस दिन अलग-अलग पकवान खाने का मजा लेते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि होली खुशी लाने के साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है? जी हां होली मनाने के तरीके से हमें स्वास्थ्य से जुड़े कई लाभ मिलते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से...
होलिका दहन
होली से एक दिन पहले पारंपरिक तौर पर होलिका दहन किया जाता है। होलिका की अग्नि जलाने से वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। ऐसे में बीमारियों की चपेट में आने का खतरा कम रहता है।
रंगों का दिमाग पर असर
रंगों को मनोविज्ञान से जोड़ा जाता है। माना जाता है कि ये रंग हमारे दिल व दिमाग पर असर डालते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, लाल व चमकीले रंग दिल की धड़कन और सांस प्रक्रिया को बेहतर करने में मदद करते हैं। इसके अलावा पीलाव नीला रंग अंदर खुशी का अहसास करवाकर हमारी इंद्रियों को शांत करते हैं।
होली के खास खान-पान
होली के शुभ दिन पर लोग ठंडाई और कांजी जैसी ठंडी चीजों का सेवन करते हैं। इसमें पोषक तत्व व एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण होने से शारीरिक व मानसिक विकास बेहतर होने में मदद मिलती है। दिमाग व शरीर को अंदर से ठंडक मिलती है। बात ठंडाई की करें तो इसे खासतौर पर ड्राई फ्रूट्स, तरबूज व सौंफ के बीज और गुलाब की पंखुड़ियों से बनाया जाता है। ऐसे में शरीर को उचित तत्व मिलने से बीमारियों से बचाव रहता है।
नेचुरल कलर का इस्तेमाल
पारंपरिक रूप से गुड़हल, मेंहदी, हल्दी, केसर, चंदन आदि नेचुरल चीजों से होली के रंग तैयार होते हैं। ये पूरी तरह से प्राकृतिक होने से ये फायदेमंद होते हैं। ये स्किन, बाल व आंखों नुकसान होने से बचाते हैं। साथ ही त्वचा को गहराई से साफ करके पोषित करते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर ये चीजें स्किन टोन को निखार कर खूबसूरती बढ़ाने का काम करती है। लाल रंग से सांस प्रक्रिया बेहतर होने के साथ एनर्जी मिलती है। साथ ही पीला रंग आंतों के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा नीला रंग इंद्रियों को शांत करने का काम करता है।