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जिन घरों में होगा ऐसा 'वास्तुदोष' वहां आएगा Cancer, दवाई भी नहीं दिखाएगी असर!

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 08 Oct, 2024 05:29 PM
जिन घरों में होगा ऐसा 'वास्तुदोष' वहां आएगा Cancer, दवाई भी नहीं दिखाएगी असर!

नारी डेस्कः पहले के मुकाबले अब कैंसर (Cancer) इतना क्यों तेजी से फैल रहा है? जहां बिगड़े लाइफस्टाइल, प्रदूषण और खान-पान को इसकी सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है, वहीं वास्तुशास्त्र की मानें तो घर में कैंसर का आना, वास्तुदोष (VastuDosh) से भी जुड़ा है। चौंक गए ना सुनकर... लेकिन वास्तुशास्त्र में ऐसा माना जाता है। घर के कोने-कोने में खराब वास्तु तरह- तरह के कैंसर की वजह बन सकते हैं। चलिए थोड़ा विस्तार में जानते हैं। 

घर की बिगड़ी बनावट बन रहीं कैंसर की वजह  (Cancer and Home Vastu Dosh)

वास्तु एक्सपर्ट की मानें तो अब वर्तमान में घर की बनावट ऐसी हो गई है जो घर में नैगेटिव और पॉजिटिव एनर्जी के बेलेंस को खराब कर रही है। पहले पुराने जमाने में जहां घर आयताकार होते थे लेकिन अब घरों का आकार ही अनियमित हो गया है। डिजाइन के चक्कर में कहीं घर का कोई कोना ऊंचा तो कोई कोना नीचा बना दिया जाता है। किसी कौने को दबा दिया जाता है तो किसी कोने को बाहर निकाल दिया जाता है और यही बनावट पॉजिटिव-नैगेटिव एनर्जी के संतुलन को बिगाड़ रही है और इसी के चलते दुनिया में हर प्रकार के रोग बढ़ते जा रहे हैं। 

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वास्तु और बीमारी-रोग का अभिन्न संबंध है। कैंसर भी इससे जुड़ा हुआ है। जिन घरों में कैंसर के मरीज हैं, उनके घर में दो या दो से अधिक वास्तुदोष जरूर होते हैं और उनमें से एक वास्तुदोष। ईशान कोण वाले भाग में जरूर होता है। जैसे- घर का ईशान कोण गोल होना, कटा हुआ होना, दबा हुआ होना या जरूरत से ज्यादा बढ़ा हुआ होना । या घर की अन्य दिशाओं की तुलना में ईशान कोण ज्यादा ऊंचा होना। ईशान कोण 90 डिग्री में होना चाहिए और इस भाग का फर्श घर के बाकी फर्श के समान समतल या उससे नीचा होना चाहिए।  शरीर के किस भाग में कैंसर होगा यह निर्भर करता है घर के दूसरे वास्तुदोष पर जो कि घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा या साउथ- ईस्ट कोना (आग्नेय), नार्थ-वेस्ट कोना ( वायव्य) और साउथ-वेस्ट कोना ( नैऋत्य कोण) में ही कही होता है जो कि इस तरह हो सकते हैं। 

ब्रेन कैंसर (Brain Cancer)

नॉर्थ-वेस्ट, नॉर्थ, नॉर्थ- ईस्ट या ईस्ट कोने का ऊंचा होना या फिर साऊथ, साउथ-ईस्ट, साउथ वेस्ट या वेस्ट कोना में भूमिगत पानी का स्त्रोत होना या नीचा या बढ़ा हुआ होना। ब्रेन कैंसर जैसे रोग को जन्म दे सकता है। 

ब्लड कैंसर (Blood Cancer)

साउथ-वेस्ट कोने में भूमिगत पानी का स्त्रोत होना, साउथ-वेस्ट कोना बहुत ही नीचा होना या बढ़ा हुआ होना। साथ ही घर की अन्य दिशाएं नॉर्थ-ईस्ट कोने (ईशान कोण) की तुलना में नीची होना।

ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer)

ईस्ट, साऊथ-ईस्ट कोने (आग्नेय कोण) में भूमिगत पानी का स्त्रोत जैसे टंकी, बोर, कुआं आदि होना या नीचा होना। इसके साथ ही अगर घर की अन्य दिशाओं की तुलना में नॉर्थ-ईस्ट (ईशान कोण ) डायरेक्शन ऊंचा है तो भी इस कैंसर का जन्म हो सकता है।  

यूट्रस कैंसर (Uterus Cancer)

साउथ या साउथ-वेस्ट कोने ( नैऋत्य कोण) में भूमिगत पानी का स्त्रोत होना या किसी भी प्रकार से नीचा या बढ़ा हुआ होने पर होता है। 

पेट का कैंसर (Stomach Cancer)

वेस्ट और साउथ-वेस्ट दिशा में( नैऋत्य कोण) में भूमिगत पानी का स्त्रोत होना, यहीं भाग किसी भी प्रकार नॉर्थ-ईस्ट कोना ( ईशान कोण) की तुलना में नीचा या बड़ा हुआ होने पर होता है। 

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किडनी का कैंसर (Kidney Cancer)

वेस्ट और साउथ-वेस्ट कोना (नैऋत्य कोण) में पानी का स्त्रोत होना या किसी भी प्रकार से नीचा या बढ़ा हुआ होना। 

छाती व फेफड़ें का कैंसर (Lungs Cancer)

नॉर्थ एवं नॉर्थ-वेस्ट कोना ( वायव्य कोण) का बंद होना, वेस्ट और साऊथ -वेस्ट (नैऋत्य कोण)  में भूमिगत पानी का स्त्रोत होना या किसी भी प्रकार से नीचा या बढ़ा हुआ होना।

सिर, गले और मुंह का कैंसर (Throat and Mouth Cancer)

आवश्यकता से अधिक ऊंचा और बढ़ा हुआ नॉर्थ- ईस्ट कोना (ईशान कोण) होना एवं वेस्ट दिशा का किसी भी प्रकार से अधिक नीचा होना। 

आंत का कैंसर (Colon Cancer)

साउथ-वेस्ट कोना ( नैऋत्य कोण) में भूमिगत पानी का स्त्रोत होना या किसी भी प्रकार से नीचा या बढ़ा हुआ होने पर होता है। 

वास्तु एक्सपर्ट कुलदीप सलूजा के अनुसार, यदि कोई घर में पहले से ही कैंसर का मरीज हो तो मरीज का योग्य डॉक्टर से उचित इलाज करवाते रहना चाहिए लेकिन साथ ही किसी योग्य वास्तु एक्सपर्ट से घर का वास्तु भी जरूर चेक करवाना चाहिए ताकि घर में जो वास्तुदोष हैं, उन्हें दूर करके दोषों से उत्पन्न होने वाली नैगेटिव एनर्जी को दूर किया जा सके।

वास्तु दोष दूर होने से मरीज पर दवाइयां अपना असर डालती हैं। अंत जिन घरों में कैंसर के मरीज हैं उन्हें अपने घर के वास्तुदोषों को अवश्य दूर करवाना चाहिए ताकि मरीज अपना शेष जीवन आराम से व्यतीत कर सकें और कही इन्हीं वास्तुदोषों के कारण भविष्य में घर का अन्य सदस्य कैंसर का शिकार ना बनें। 
 

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