पेरेंट्स बच्चों को दूध पीने के लिए हमेशा उत्साहित करते हैं। मगर आजकल जहां पेरेंट्स खुद हेल्थ कॉन्शियस हैं वहीं वे चाहते हैं कि उनके बच्चे अभी से फैट वाली चीजों से दूर रहें। ऐसे में कई पेरेंट्स बच्चों को फैट या फुल क्रीम दूध पिलाने की बजाय टोन्ड मिल्क देना पसंद करते हैं। मगर शायद वे नहीं जानते कि टोन्ड मिल्क देकर बच्चों को हेल्दी बनाने की जगह वह उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। आइए जानते हैं कैसे...
कनाडा का शोध
हाल ही में कनाडा में हुए एक शोध में बात सामने आई है कि फुल क्रीम दूध पीने वाले बच्चों की जगह टोन्ड मिल्क पीने वाले बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं। शोध में जो संख्या सामने आई है उसके अनुसार फुल क्रीम दूध पीने वाले बच्चे 40 फीसदी कम मोटापे का शिकार पाए गए हैं।
टोन्ड और फुल क्रीम दूध में क्या फर्क है?
टोन्ड मिल्क में फैट की मात्रा बहुत कम होती है, ऐसे में इसका सेवन सिर्फ उन लोगों को करना चाहिए, जिनका पाचन तंत्र कमजोर है। ताकि वह दूध को आसानी से पचा सकें। मगर जिन बच्चों का अभी विकास हो रहा है, उनके लिए फुल फैट क्रीम दूध ही बेहतर रहता है।
खास टिप:
अगर आप फिर भी चाहते हैं कि आपके बच्चे फिट रहें, तो 8 साल के बाद ही बच्चे को टोन्ड मिल्क देना शुरु करें। फुल क्रीम दूध में मौजूद बीटा-कैरोटीन, विटामिन-डी, ई को पचाने और बच्चों के विकास में मदद करता है। 8 साल के बाद दूध में मौजूद फैट विकास में मदद करने की बजाए स़िर्फ आर्टरिज़ में जाती है, जिससे बच्चे का वजन बढ़ने लगता है। ऐसे में कम से कम 8 साल तक बच्चे को फुल फैट क्रीम दूध जरुर दें, उसके बाद आप टोन्ड मिल्क को उसकी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
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