मानसून के महीने में बच्चों को ठंड और इंफेक्शन होने से बीमारियों के लगने का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में माओं को उनकी देखभाल में खास ध्यान देना चाहिए। नहीं तो बच्चे बार-बार बीमार हो सकते है। तो चलिए आज हम आपको बताते है कि बारिश के मौसम में नवजात शिशु की देखभाल करते समय किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
कितनी बार नहलाए?
मानसून में मौसम ठंडा हो जाने के कारण बच्चे को इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। इससे उसका इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। ऐसे में इन दिनों में उसे रोजाना की जगह हफ्ते में 2-3 बार ही नहलाए। इसके अलावा रोजाना उसे साफ कपड़े को गीला करके उसके पूरे शरीर की सफाई करें।
तेल की मालिश करें
शिशु की हड्डियों को मजबूती और शरीर को गर्माहट पहुंचाने के लिए हफ्ते में 2 से 3 बार गुनगुने सरसों के तेल से उसकी मालिश करें। इससे उसका ठंडी लगने और बीमारियों के होने से बचाव रहेगा।
पाउडर का करें इस्तेमाल
अक्सर बच्चों के शरीर में इस मौसम में मुंहासे या लाल रंग के दाने निकलने लगते है। इसके लिए उसे समय-समय पर पाउडर लगाते रहें।
ऐसे कपड़े पहनाए
बच्चे को कॉटन के फुल स्लीव्स और सही साइज के कपड़े ही पहनाएं। इन कपड़ों से ठंड के साथ मच्छरों के काटने का खतरा भी नहीं होगा। इसके साथ बच्चों के हाथों और पैरों को भी ढक कर रखें।
डाइट का रखें ख्याल
मानसून के मौसम में शिशु की डाइट का खास ख्याल रखें। 6 महीने तक के बच्चों को तो मां के दूध से ही सारे पोषक तत्व मिल जाते है। मगर 6 महीने से बड़ी उम्र के बच्चों को गुनगुना पानी, दाल का पानी, उबली हुई सब्जियां आदि खाएं। इसके साथ ही अगर बच्चा बोतल से दूध पीता है तो उसकी बोतल को गर्म पानी से धोकर ही इस्तेमाल करें।