आज कजरी तीज है। यह त्यौहार विशेष रूप से उत्तर भारत में बहुत महत्व रखता है। यह त्योहार मुख्य रूप से शादीशुदा महिलाओं द्वारा मनाया जाता है, जिसमें वे अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए व्रत करती हैं। कजरी तीज हरियाली तीज के बाद आती है और विशेष रूप से भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है।
कजरी तीज का महत्व
इस व्रत का मुख्य उद्देश्य अपने पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करना है। महिलाएं इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करती हैं और मां पार्वती व भगवान शिव की आराधना करती हैं। कजरी तीज का त्यौहार बारिश के मौसम में आता है, जब चारों ओर हरियाली छाई रहती है। यह त्यौहार प्रकृति की सुंदरता और नई ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। कजरी तीज के माध्यम से परिवार में एकता और प्रेम को बढ़ावा मिलता है। इस दिन महिलाएं अपने मायके में जाती हैं और परिवार के साथ मिलकर त्यौहार मनाती हैं।
इस दिन रखा जाता है निर्जला व्रत
कजरी तीज को लेकर मान्यता है कि आज के दिन पूरे मन एवं श्रद्धा से मां पार्वती और शंकर भगवान की पूजा करने से विवाहित कन्याओं को अच्छा वर मिलता है और शादीशुदा महिलाओं के पति की उम्र लंबी होती है। इसीलिए अविवाहित लड़कियां सुयोग्य वर पाने के लिए इस दिन व्रत रखती हैं। कजरी तीज का व्रत करवा चौथ की भांति निर्जला व्रत के साथ रखा जाता है और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोल जाता है।
कजरी तीज पर शादीशुदा महिलाओं करते हैं ये काम
व्रत का पालन
कजरी तीज पर महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। इस दौरान जल और अन्न का त्याग करती हैं और सच्चे मन से व्रत का पालन करती हैं। इस व्रत के पीछे यह मान्यता है कि इससे पति की आयु लंबी होती है और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
सोलह श्रृंगार
इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, जिसमें बिंदी, काजल, मेहंदी, चूड़ियां, सिंदूर आदि शामिल होते हैं। यह श्रृंगार उनके वैवाहिक जीवन की खुशी और समृद्धि का प्रतीक होता है।
मिट्टी के शिवलिंग की पूजा
कजरी तीज पर मिट्टी से बने शिवलिंग की पूजा की जाती है। महिलाएं शिवलिंग का अभिषेक करती हैं और शिव-पार्वती की कथा सुनती हैं। इससे दांपत्य जीवन में सुख और शांति का आगमन होता है।
भजन और कीर्तन
भजन और कीर्तन इस दिन महिलाएं एकत्रित होकर भजन-कीर्तन करती हैं। यह दिन भगवान शिव और मां पार्वती के गुणगान और उनकी आराधना में समर्पित होता है। कजरी तीज के दिन दान-पुण्य का भी बहुत महत्व है। महिलाएं व्रत के समापन के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराती हैं और वस्त्र, अन्न, और धन का दान करती हैं।
कजरी तीज के दिन सावधानियां
- व्रत करते समय महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए, विशेषकर गर्भवती और बीमार महिलाओं को। जरूरत पड़ने पर फलाहार या जल ग्रहण करें।
- इस दिन किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों से दूर रहें और पूजा के दौरान पूरी श्रद्धा और भक्ति से भगवान शिव और पार्वती की आराधना करें।