अक्सर लोग चक्कर आने को ज्यादा गंभीरतासे नहीं लेते। कई लोग चक्कर आना या सिर चकराने को आम मानते हैं, लेकिन ऐसी सोच रखना गलत है। बार-बार सिर चकराना, आंखों के आगे अंधेरा छाना और बेचैनी जैसे लक्षण आम नहीं बल्कि इस बात का संकेत देते हैं कि हमारे शरीर की क्रियाओं में कहीं न कहीं गड़बड़ी है।
क्या है चक्कर आना?
जब भी किसी को चक्कर आता है तो उसका सिर घूमने लगता है। कभी-कभी आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है तो कभी बेचैनी के बाद चक्कर जैसा महसूस होता है। इस दौरन इंसान को एक अवस्था में खड़े या बैठे रहने में परेशानी होने लगती है। साधारण तौर पर लोग चक्कर आने को उतना सीरियस नहीं लेते। उन्हें लगता है सिर दर्द या कमजोरी की वजह से ऐसा हो रहा है।
कारण
चक्कर आने के कभी सामान्य तो कभी गंभीर कारण हो सकते हैं। सामान्य कारणों में सिर दर्द, गला, कान, आंख, नर्वस सिस्टम, ब्लड प्रैशर, शरीर में पानी या खून की कमी, माइग्रेन और थकान की वजह से चक्कर आते हैं जो ज्यादा गंभीर नहीं होते। लेकिन कई बार सिर में गंभीर चोट लगना, कान में वायरल इन्फैक्शन होना , एनीमिया, दवाओं का विपरित प्रभाव या किसी अंदरूनी बीमारी के कारण ऐसा हो सकता है।
लक्षण
• हल्का सिर दर्द और बेहोशी
• बैठने और खड़े होने में परेशानी
• शरीर से नियंत्रण खोना
• आगे और पीछे की ओर गिरने जैसा महसूस होना
• तेज बुखार और छाती में दर्द
• सुनने और बोलने में तकलीफ
बचाव
डॉक्टरों के मुताबिक अगर आपको चक्कर महसूस हो रहा है तो एक जगह खड़े न रहें। कहीं बैठें या लेट जाएं। किसी भी काम को धीरे-धीरे करें। सिर को तेजी से घूमाने से बचें, घबराएं नहीं, तनाव कम लें, तंबाकू, शराब या कैफीन का उपयोग न करें, किसी ऊंची जगह पर जाने से बचें, यात्रा करने से बचें, ब्लड प्रैशर चैक कराएं, आंख और कान की जांच कराएं और ज्यादा से ज्यादा आराम करें।