बेशक कोरोना के मामलों में कमी देखने को मिल रही है लेकिन अभी बीमारी के मामले सामने आ रहे हैं। इसी के चलते सरकार ने कोरोना से बचाव व इलाज को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहद DGHS ने अहम बदलाव करते हुए कुछ कोरोना मरीजों को दवाओं की लिस्ट से हटा लिया है। अब बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए एंटीपीयरेटिक और एंटीट्यूसिव को छोड़कर दूसरी दवा का यूज नहीं होगा। चलिए आपको बताते हैं कि नई गाइडलाइन के मुताबिक, अब किन लोगों को दवा की जरूरत होगी और किन्हें नहीं।
इलाज में नहीं होगा इन दवाओं का इस्तेमाल
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक, जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आ रहे या हल्के हैं उनके लिए डॉक्सीसाइक्लिन, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, मल्टीविटामिन्स, जिंक जैसे दवाओं का यूज नहीं होगा। अब ऐसे मरीजों को बुखार के लिए एंटीपीयरेटिक और सर्दी के लिए एंटीट्यूसिव दी जाएगी।
टेस्ट की भी नहीं होगी जरूरत
DGHS ने कहा है कि रेमडेसिविर दवा भी सिर्फ गंभीर लक्षण वाले कोरोना मरीजों के इलाज में यूज की जाएगी। इसके अलावा ऐसे मरीजों को अब सीटी स्कैन या स्वैब टेस्ट करवाने की भी जरुरत नहीं है।
ऑक्सीजन लेवल की करें सेल्फ मॉनिटरिंग
ऐसे मरीज 14 दिन आइसोलेशन में रहते हुए बुखार, सर्दी-खांसी व ऑक्सीजन लेवल की सेल्फ मॉनिटरिंग करते रहें। खांसी की दिक्कत होने पर दिन में 2 बार 800 एमसीजी की बुडेसोनाइड खुराक 5 दिन के लिए ले सकते हैं।
हेल्दी डाइट और प्रॉपर हाइड्रेशन जरूरी
DGHS का कहना है कि हल्के व बिना लक्षण वाले कोरोना के मरीजों को बचाव के दिशानिर्देश जैसे मास्क, सोशल डिस्टेसिंग और हाथ साफ करते रहना जैसे नियमों का पालन करना जरूरी होगा। साथ ही इन्हें हेल्दी भोजन और पर्याप्त पानी का सेवन करना चाहिए।
स्टेरॉयड के इस्तेमाल की गाइडलाइन
गाइडलाइन के मुताबिक, ऐसे मरीजों को स्टेरॉयड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। गंभीर और जटिल मामलों में भी चिकित्सक के परामर्श से ही स्टेरॉयड यूज करें। इसके अलावा खुद से स्टेरॉयड का यूज करने से बचें।
कितनी होनी चाहिए खुराक
चिकित्सकों के मुताबिक, 6mg IV डेक्सामेथासोन दिन में एक बार करीब 10 दिनों तक या डिस्चार्ज होने तक लेनी चाहिए। डेक्सामेथासोन की जगह ग्लूकोकोर्टीकोइड को मेथिलप्रेडनिसोलोन 32 मि.ग्रा. या 40 मि.ग्रा. I/V या 50 मि.ग्रा. तक ले सकते हैं लेकिन डॉक्टर की सलाह से।
अधिक जानकारी के लिए आप केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय द्वारा जारी गाइडलाइन को पढ़ सकते हैं।