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'वही नहीं रहे तो मैं जी कर क्या करूंगी?' इतना कहते हुए बेटी ने जलती चिता में लगाई छलांग

  • Edited By Bhawna sharma,
  • Updated: 06 May, 2021 06:08 PM
'वही नहीं रहे तो मैं जी कर क्या करूंगी?' इतना कहते हुए बेटी ने जलती चिता में लगाई छलांग

कोरोना महामारी के कारण देश के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। किसी को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा तो किसी को ऑक्सीजन न मिलने का चलते अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। इस बीमारी ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है। एक बेटी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जो अपने पिता को खुद से दूर जाते नहीं देख पाई और जलती चिता में कूद गई। इस हादसे में वह बुरी तरह से झुलस गई है। 

मुखाग्नि देने के बाद लगाई छलांग

मिली जानकारी के मुताबिक यह दिल दहला देने वाली घटना राजस्थान के बाड़मेर जिले की है। यहां रहने वाले 70 वर्षीय जयराम दास शारदा कोरोना पाॅजिटिव पाए गए थे। जिसके चलते उनका निधन हो गया। उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए शमशान ले गए। इस दौरान पिता को मुखाग्नि देने के बाद 30 साल की बेटी चंद्रा टूट गई और जलती चिता में छलांग लगा दी। उसकी दोनों बहनों ने उसे बाहर निकाला।

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60 फीसदी झुलस गई चंद्रा

चंद्रा 60 फीसदी झुलस गई है और उसका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि चंद्रा चिल्लाते हुए कह रही थी कि पिता ही मेरे सब कुछ थे। जब वही नहीं रहे तो मैं जी कर क्या करूंगी? इतना कहते हुए वह जलती चिता में कूद गई। उनके परिवार का कहना है कि वह कोरोना नेगेटिव हो गए थे लेकिन उनके निधन के कारणों की जानकारी नहीं दी जा रही जिस वजह से चंद्रा बेहद नाराज थी और उसने ऐसा कदम उठाया 

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