कोरोना से जूझ रहे मरीजों को ठीक होने के बाद भी बहुत सी समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है। कोरोना से ठीक हुए मरीजों को सांस लेने में दिक्कत, किडनी व लिवर फेलियर, मानसिक समस्याएं घेर रही हैं। वहीं हाल ही में एक शोध में खुलासा किया गया कि, कोरोना से ठीक हुए लोगों को डायबिटीज भी हो रही है।
क्या कोरोना से हो रही डायबिटीज?
हाल ही में सामने आई डॉक्टरों की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना संक्रमित लोगों में डायबिटीज की बीमारी भी हो रही है। जानकारी के मुताबिक, लंदन के एक 28 वर्षीय कोरोना संक्रमित हो गया था। इसके बाद हॉस्पिटल में उसका ट्रीटमेंट किया गया, जिससे वह कोरोना से रिकवर होने लगा। मगर, फिर 2 महीने बाद उसे अचानक शारीरिक कमजोरी, उल्टियां होने लगी। उसके बाद व्यक्ति को तुरंत हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया, जहां उसे ICU में रखने की नौबत आ गई थी।
डॉक्टरों ने बताया कि उस व्यक्ति की जान भी जा सकती थी। इसके बाद उस व्यक्ति के सभी टेस्ट दोबारा किए गए, जिसमें वह टाइप 1 डायबिटीज पाया गया। जबकि कोरोना संक्रमित होने से पहले उसे डायबिटीज की समस्या नहीं थी। हालांकि कुछ विज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना की वजह से मरीज को डायबिटीज हो सकता है, फिर चाहे वह पहले इससे पीड़ित ना हो। इतना ही नहीं, कोरोना की वजह से लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और मानसिक समस्याओं का भी सामना कर रहा है। वैज्ञानिक इस बारे में और भी बारीकी से जांच कर रहे हैं कि कोरोना किस तरह डायबिटीज और हाइपरटेंशन का कारण बन रहा है।
कैसे होती है टाइप 1 डायबिटीज की समस्या?
टाइप 1 डायबिटीज होती है जब इम्यून सिस्टम ब्लड शुगर बनाने के लिए इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को ही नष्ट करने लगता है। इसमें पैन्क्रियाज की बीटा कोशिकाएं पूरी तरह नष्ट हो जाती है, जिससे इंसुलिन बनना कम या बंद हो जाता है। मगर, सही डाइट और लाइफस्टाइल से इसे कंट्रोल किया जा सकता है जबकि टाइप-2 डायबिटीज में शुगर का स्तर बढ़ता जाता है, जिसे कंट्रोल करना मुश्किल होता है। अगर इसमें शुगर का स्तर अनकंट्रोल हो जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
टाइप 1 डायबिटीज के कारण
. आनुवांशिक
. ऑटो-इम्यून डिसीज
. कुछ वायरल संक्रमण
वहीं, टाइप-2 डायबिटीज अनुवांशिक, तनाव, गलत खान-पान, मोटापा, नींद की कमी, ज्यादा एलोपैथी दवाएं और गर्भावस्था में अधिक दवाइयां खाने पर मां से बच्चे को हो सकती है।
टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण
- बार-बार पेशाब आना
- बहुत अधिक प्यास लगना
- कमजोरी महसूस होना
- दिल की धड़कन बढ़ना
- आंखों के आगे धुंधलापन
- सांस लेने में दिक्कत
- त्वचा में ड्राई
- अचानक वजन कम होना
- चोट का लंबे समय तक ठीक ना होना
अब जानिए कैसे रखें बचाव
1. नियमित रूप से ब्लड शुगर और डायबिटीज की जांच करवाते रहें।
2. वर्कआउट, एक्सरसाइज, योग से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है।
3. भरपूर मात्रा में पानी पिएं और सोडा, जूस या स्क्वैश जैसी ड्रिंक से दूर रहें।
4. वजन कंट्रोल में रखें क्योंकि इससे भी टाइप 2 डायबिटीज का खतरा रहता है।
5. डाइट में हरी सब्जियां, बादाम, फल के अलाा विटामिन के युक्त फूड्स अधिक लें।
6. स्ट्रेस लेने से बचें और शराब व धूम्रपान से दूरी बनाकर रखें।