03 MAYFRIDAY2024 4:18:49 PM
Nari

इस विधि से करेंगे Chhath Puja तभी पूरी होगी हर मनोकामना, सूर्य को अर्घ्य देने का भी जानें मुहूर्त

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 10 Nov, 2021 06:09 PM
इस विधि से करेंगे Chhath Puja तभी पूरी होगी हर मनोकामना, सूर्य को अर्घ्य देने का भी जानें मुहूर्त

हर साल कार्तिक शुक्ल षष्ठी को छठ पर्व मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं 36 घंटे का निर्जला उपवास करती हैं।  चार दिवसीय इस पर्व के पहले दिन नहाय-खाए दूसरे दिन खरना और तीसरे-चौथे दिन व्रत होता है। इसके बाद महिलाएं सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करके उन्हें अर्घ्य देती हैं और व्रत संपन्न करती हैं। चलिए आपको बताते हैं छठ पर्व की पूजा विधि, सामग्री, प्रसाद और सूर्य को अर्ध्य देने का सही समय

छठ पूजा का महत्व

छठ पर्व के दौरान महिलाएं सूर्य देव और छठी मैया की पूजा अर्चना करती हैं। मान्यता है कि विधि-विधान और सही मुहूर्त से छठ पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती हैं। महिलाएं खासकर संतानों सुख या उनकी अच्छी सेहत व तरक्की के लिए यह व्रत करती हैं। ऐसी भी मान्यता है कि छठी मैया संतानों की सुरक्षा करती हैं और लंबी आयु देती है। साथ ही इस व्रत को करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

PunjabKesari

छठ पूजा संध्या अर्घ्य और प्रात:काल के सूर्य अर्घ्य का समय

10 नवंबर (संध्या अर्घ्य) सूर्यास्त का समय : 05:30 PM
11 नवंबर (प्रात:काल अर्घ्य) सूर्योदय का समय : 06:41 AM

कैसे किया जाता है व्रत?

. छठ के इस पहले दिन, जिसे नहाय खाय के नाम से जाना जाता है, महिलाएं यमुना- गंगा या किसी भी पवित्र नदी में पवित्र डुबकी लगाती हैं।
. दूसरे दिन को खरना के नाम से जाना जाता है। इस दिन भक्त सूर्योदय से सूर्यास्त तक जल ग्रहण किए बिना उपवास करते हैं। सूर्यास्त के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है।
. तीसरे दिन उपवास दूसरे दिन प्रसाद ग्रहण करने के बाद शुरू होता है, जिसके बाद भक्त बिना जल के पूरे दिन-रात का उपवास रखते हैं। फिर सूर्यास्त के समय अर्घ्य देकर तीसरे दिन का अनुष्ठान शुरू होता है।
. छठ के चौथे और अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसे उषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। अनुष्ठान के बाद 36 घंटे का उपवास तोड़ा जाता है।

छठ व्रत का संकल्प लेते समय "ॐ अद्य अमुक गोत्रो अमुक नामाहं मम सर्व पापनक्षयपूर्वक शरीरारोग्यार्थ श्री सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।" मंत्र का जाप करना ना भूलें।

PunjabKesari

छठ पूजा सामग्री

छठ पूजा की थाली में नए कपड़े, बांस की 2 बड़ी टोकरी, पत्ते वाले गन्ने, दूध, जल, गिलास, अक्षत, सिंदूर, दीप-धूप, लोटा, पानी वाला नारियल, हरी अदरक, नाशपाती, शकरकंद, केला,  हल्दी, मूली, मीठा नींबू, शरीफा, कुमकुम-चंदन, सुथनी, पान-सुपारी, शहद, अगरबत्ती, कपूर, मिठाई, गुड़, चावल का आटा व गेहूं जरूर होना चाहिए।

व्रत करने का तरीका

-छठ व्रत का संकल्प लेते समय "ॐ अद्य अमुक गोत्रो अमुक नामाहं मम सर्व पापनक्षयपूर्वक शरीरारोग्यार्थ श्री सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।" मंत्र का जाप करें।
-अर्घ्य देने के लिए बांस की टोकरी या सूप में अक्षत, दीप, लाल सिंदूर, गन्ना, हल्दी, सुथनी, शकरकंदी व फल रखें। एक थाली में दूध, शहद, पान, बड़ा नींबू, सुपारी, कैराव, कपूर, मिठाई और चंदन रख लें।
-इसके बाद थाली में ठेकुआ, मालपुआ, खीर, सूजी का हलवा, पूरी, चावल के लड्डू रखकर टोकरी सजाएं।
-सारा प्रसाद सूप में रखकर दीया जलाएं। "ऊं एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते। अनुकम्पया मां भवत्या गृहाणार्ध्य नमोअस्तुते॥" मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।

PunjabKesari

Related News