पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पेट में दर्द व ऐंठन, सिरदर्द, बॉडी पेन, मूड़ स्विंग, हैवी ब्लीडिंग व खून के थक्के जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं, कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान खून के आंसू भी निकलते हैं। रिसर्च की मानें तो हर 10 में से तीसरी महिला इस समस्या से ग्रस्त है लेकिन ज्यादातर महिलाएं इससे आज भी अंजान है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है यह बीमारी
क्यों निकलते हैं पीरियड्स में खून के आंसू?
दरअसल, पीरियड्स के दौरान आंखों से खून के आंसू निकलना 'ऑक्युलर रेडियस मेंस्ट्रुएशन' (Ocular Vicarious Menstruation) नाम की दुर्लभ बीमारी है। जब शारीरिक विकास के समय ‘एबरेंट टिश्यू’ युटरेंट इधर-उधर विकसित हो जाते हैं तो पीरियड्स में ऐसा हो सकता है। इसे हेमोलेक्रिया यानी ब्लडी टियर्स भी कहते हैं। यह एक ऐसी रेयर कंडीशन है, जो शरीर के किसी एक भाग में खून के थक्के बनने से होती है।
दूसरे अंगों से भी निकल सकता है खून
इस बीमारी के कारण सिर्फ आंखों से ही नहीं बल्कि फेफड़े, आंख, पेट और नाक से भी खून निकल सकता है। कुछ महिलाओं को तो होंठों से भी असामान्य तरीके से खून आने की समस्या होती है। हालांकि ऐसा सिर्फ पीरियड्स के दिनों में ही होता है। यह एक दुर्लभ और असामान्य कंडीशन है।
बीमारी के लक्षण
. आंख, नाक, फेफड़े या होंठों से खून आना
. जोड़ों में सूजन आना
. पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग
. अचानक कमजोरी आना
. चलने में तकलीफ होना
क्यों होती है यह समस्या?
यह बीमारी आनुवांशिक या हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकती है। हालांकि आंखों से खून आना मेलानोमा या ट्यूमर का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में इसे हल्के में ना लें और जांच करवाएं। वहीं अगर यह रक्तस्राव आंतों या दिमाग के किसी हिस्से में शुरू हो जाए तो जानलेवा भी हो सकता है। ऐसे में जल्दी इलाज करवाना बहुत जरूरी है।
क्या इलाज है संभव?
महिलाओं की कंडीशन के आधार पर उन्हें हार्मोनल ट्रीटमेंट दिया गया, जिसके बाद वो पूरी तरह ठीक हो जाती है। हालांकि बीमारी के टेस्ट काफी महंगे होते हैं और इसकी सुविधाएं भी आसानी से नहीं मिलती। वहीं, कई बार महिलाओं को गर्भ निरोधक गोलियां भी दी जाती है।