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भारत का गौरव बनी अप्सरा अय्यर, चुनी गई हार्वर्ड लॉ रिव्यू की पहली भारतीय-अमेरिकी अध्यक्ष

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 06 Feb, 2023 06:21 PM
भारत का गौरव बनी अप्सरा अय्यर, चुनी गई हार्वर्ड लॉ रिव्यू की पहली भारतीय-अमेरिकी अध्यक्ष

हार्वर्ड लॉ रिव्यू ने अप्सरा अय्यर को अपना 137 वां अध्यक्ष चुना है। 136 साल बाद किसी भारतीय-अमेरिकी को इस प्रतिष्ठित प्रकाशन के प्रमुख बनने के गौरव मिला है। आपको बता दें कि 29 साल की हार्वर्ड लॉ स्कूल की छात्रा अप्सरा अय्यर जो 2018 से कला, क्राइम और प्रत्यावर्तन की जांच  कर रही हैं ने प्रिसिला कोरोनाडो की जगह ली है।वहीं इस प्रतिष्ठित उपाधि को हासिल कर अप्सरा का कहना है कि, 'लॉ रिव्यू में शामिल होने के बाद से, मैं उनके (प्रिसिला के) कुशल और जीवंत व्यवहार से बहुत ज्यादा प्रेरित हूं। मैं आभारी हूं कि हमें उनकी विरासत को आगे बढ़ने का मौका मिला है, मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं।'

अप्सरा ने येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन 

आपको बता दें कि अप्सरा ने येल यूनिवर्सिटी से 2016 में अर्थशास्त्र, गणित और स्पेनिश में ग्रेजुएशन किया। हार्वड लॉ रिव्यू की एक रिव्यू रिलीज में ये बात कही गई कि पुरातत्व और स्वदेशी समुदायों के लिए उनके समर्पण ने उन्हें ऑक्सफोर्ड में क्लेरेंडन स्कॉलर के रुप में एमफिल करने और 2018 में मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी की एंटीक्विटी ट्रैफिकिंग यूनिट में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। एटीयू (ATU) में उन्होनें कला अपराध की जांच की। अप्सरा ने 2020 मे हार्वर्ड लॉ स्कूल में दाखिल लिया, जहां वह इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स क्लिनिक की छात्रा हैं और साउथ एशियन लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन की सदस्य भी है। 

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पूर्व हार्वर्ड लॉ रिव्यू की अध्यक्ष कोरोनाडो  को है अप्सरा पर पूरा भरोसा

वहीं पूर्व हार्वर्ड लॉ रिव्यू की अध्यक्ष कोरोनाडो का कहना है कि, 'अप्सरा ने कई सारे संपादकों के जीवन को बेहतरी के लिए बदल दिया है और मुझे पता है कि वो ऐसा करना जारी रखेगी। उन्होनें शुरु से ही अपने साथी संपादकों को अपनी गर्मजोरी और बुद्धिमत्ता से प्रभावित किया है'।द लॉ रिव्यू, जिसकी स्थापना 1887 में हुई, ये पूरी तरह पूरी तरह से छात्र-संपादित पत्रिका है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पत्रिका के पहले अश्वेत (ब्लैक) राष्ट्रपति थे।

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