कश्मीर की खूबसूरत वादी गुलमर्ग में घूमने के लिए लोग हर साल बड़ी संख्या में आते हैं। मगर इस बार वे ‘कांच के इग्लू' लोगों को खूब लुभा रहा है। बर्फ से ढके मैदानों और पहाड़ों के मनमोहक दृश्यों को निहारने के साथ- साथ अगर भोजन का भी आनंद लेना है तो इस ‘कांच के इग्लू' में एक बार जरूर आएं। स्नो इग्लू बनाने के बाद इस क्षेत्र में पर्यटकों को ग्लास इग्लू देने वाला यह पहला होटल है।
सैलानियो का कहना है कि- "यह पूरी तरह से अल अनुभव है ‘इग्लू' के अंदर बैठना और खाना-पीना बहुत मजेदार है। ‘इग्लू' बर्फ से बना छोटा घर (हिमकुटी) होता है। यहां पर बेठना ऐसा लगता है जैस हम प्रकृति के करीब आ गए हैं। एक पर्यटक ने अनुभव सांझा करते हुए बताया- “ यह हमेशा याद रहने वाला अनुभव है, कभी नहीं सोचा था कि जो चीज़ हमने किताबों में देखी थी, हम एक दिन उस इग्लू के अंदर असलियत में बैठेंगे और खाना-पीना करेंगे।”
‘कांच के इग्लू' गुलमर्ग में लाने वाले सैयद वसीम ने कहा कि गुलमर्ग आने वाले सैलानियों को यह अनुभव देने के लिए तीन साल तक शोध किया गया था। उन्होंने बताया- “ मैंने फिनलैंड में देखा जो लोग ‘नॉर्दन लाइट्स' देखने के लिए आते हैं वे कांच के इन इग्लू में बैठते हैं। मुझे यह बहुत रोमांचकारी लगा और मैंने इस अवधारणा को कश्मीर लाने के बारे में सोचा।”
ऑस्ट्रिया में इन ‘इग्लू' को बनाने वाली कंपनी की एक टीम पिछले साल कश्मीर आई और उसने गुलमर्ग के मौसम और जलवायु का अध्ययन किया ताकि ऐसा इग्लू बनाया जा सके जो लंबे वक्त तक चले। वसीम ने कहा कि पिछले दो साल में उन्होंने अपने होटल के बाहर इग्लू का निर्माण कराया जिससे सैलानी आकर्षित हुए लेकिन इस साल पर्याप्त बर्फबारी नहीं होने की वजह से प्राकृतिक ‘इग्लू' नहीं बन सके।
होटल के मालिक का कहना है कि- “ अगर आप चाहते हैं कि सैलानी बार-बार आएं तो आपको उनके आकर्षण के लिए नई चीज़ें बनानी होंगी। इन इग्लू ने हमारे लिए यही काम किया है।” वसीम ने कहा कि उन्होंने ‘कांच के छह इग्लू' 50 लाख रुपये में खरीदे हैं।
इन ग्लास इग्लू में एक बार में 8 लोग बैठ सकते हैं। इग्लू इतना लोकप्रिय हो गया है कि 10 से 15 दिन पहले बुकिंग की जा रही है। याद हो कि इससे पहले वर्ष 2021 में गुलमर्ग में पूरे एशिया में सबसे बड़ा स्नो इग्लू बनाया था जो काफी लोकप्रिय हुआ था।