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राजस्थान में स्थापित होंगे 200 AFHC, किशोरों के स्वास्थ्य को बढ़ाना देना मिशनः डॉ. गोविंद पारीक

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 07 Oct, 2021 03:36 PM
राजस्थान में स्थापित होंगे 200 AFHC, किशोरों के स्वास्थ्य को बढ़ाना देना मिशनः डॉ. गोविंद पारीक

भारत की जनसांख्यिकीय लाभांश की स्थिति और युवा आबादी की अप्रयुक्त क्षमता के बारे में काफी चर्चा हो चुकी है। राजस्थान के संदर्भ में भी जहां 2011 की जनगणना के अनुसार किशोर राज्य की कुल जनसंख्या का 23 प्रतिशत हैं, युवाओं की जरूरतों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है ताकि वे निकट भविष्य में स्वस्थ और उत्पादक नागरिक बन सकें।

बाल विवाह को रोकने पर ध्यानः डॉ. गोविंद पारीक

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. गोविंद पारीक ने बताया कि “भविष्य की चुनौतियों के लिए युवाओं को तैयार करने हेतु, राजस्थान सरकार ने किशोर स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए काम किया है। बाल विवाह को रोकने की दिशा में काम करने के अलावा, हाल ही में राजस्थान सरकार ने राज्य के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में मॉडल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) स्थापित करने की घोषणा की है और इसके दिशानिर्देशों में किशोर अनुकूल स्वास्थ्य क्लीनिक (AFHC) को भी शामिल किया है।”

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किशोरों के स्वास्थ्य पर दिया जाएगा ध्यान

एसएमएस मेडिकल कॉलेज की सीनीयर प्रोफेसर डॉ अमिता कश्यप का कहना है कि “इस घोषणा से पहले, AFHC सिर्फ राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (RKSK) के दायरे में आते थे, जिसके माध्यम से किशोरों को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य (SRH), पोषण, मादक पदार्थों के सेवन, चोट और हिंसा (लिंग आधारित हिंसा), गैर-संचारी रोग और मानसिक स्वास्थ्य सहित विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों पर नैदानिक और परामर्श सेवाएं दी जाती हैं। हालांकि, राजस्थान के केवल 10 जिलों में ही RKSK लागू किया जा रहा है और इसका दायरा बढ़ाए जाने की आवश्यकता थी। AFHC का विस्तार करते हुए अब हमें स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के क्षमता वर्धन की भी आवश्यकता है ताकि ये व्यापक रूप से प्रभावी हो सकें।"

पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की सीनियर स्टेट प्रोग्राम मैनेजर दिव्या संथानम का कहना है कि यह घोषणा एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम है। इस पहल से राज्य पूरे देश में एक मिसाल कायम करेगा, जो राजस्थान की किशोर आबादी के लिए अति आवश्यक है।

किशोर स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ाना देना मिशन

दिव्या कहती है कि "पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया में काम करते हुए हमारे प्राथमिक फोकस  किशोर स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देना  है। इसके लिए हम नियमित रूप से  नीति निर्माताओं के साथ चर्चा करते हैं और इस बातचीत के परिणाम सकारात्मक रहे हैं। इससे ज्यादा खुशी की क्या बात होगी कि राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में अब AFHC होंगे। इस तरह का बुनियादी ढांचा होने से, किशोरों के साथ और ज्यादा करीबी तौर पर जुड़ सकते हैं और सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।”

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राज्य की 23% आबादी को मिलेगा लाभ

दिव्या आगे कहती हैं कि "AFHC के जरिए कई अन्य मुद्दों को भी हल करने में मदद मिलेगी जिनमें यौन और प्रजनन स्वास्थ्य, लिंग आधारित मुद्दे, मानसिक स्वास्थ्य, मासिक धर्म स्वास्थ्य और पोषण शामिल है। राज्य सरकार ने AFHC को भी मॉडल CHC के एक आवश्यक घटक के रूप में शामिल किया है। इसका मतलब अब राज्य की 23% आबादी को स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी परामर्श सहित उचित तरीके से मिल सकेगी।”

एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता

RKSK के प्रावधानों से आगे बढ़ते हुए राज्य सरकार ने पूरे राज्य में किशोर स्वास्थ्य सेवाओं के नेटवर्क का प्रसार किया  है। हालांकि अभी भी चिकित्सा अधिकारियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की क्षमता वर्धन के लिए एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी किशोरों और युवाओं को उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप सुरक्षित और पूर्वाग्रहों से मुक्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें।

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