भारत में एक दिन में कोविड-19 के 2,55,874 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,97,99,202 हो गई। देश में लगातार पिछले पांच दिन से कोविड-19 के दैनिक मामले तीन लाख से अधिक सामने आ रहे थे। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में 614 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,90,462 हो गई। देश में अभी 22,36,842 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 5.62 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 12,493 कमी दर्ज की गई। देश में मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 93.15 प्रतिशत है।
162.92 करोड़ लोगों को लगी वैक्सीन
अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण की दैनिक दर 15.52 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 17.17 प्रतिशत दर्ज की गई। देश में अभी तक कुल 3,70,71,898 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और कोविड-19 से मृत्यु दर 1.23 प्रतिशत है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 162.92 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।
देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
धीमी हुई कोरोना की रफ्तार
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ के पार हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ के पार और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में संक्रमण से मौत के 614 मामले सामने आए। इनमें से केरल में 171, तमिलनाडु में 46 और पंजाब में 45 मामले सामने आए।
आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण से अभी तक 4,90,462 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र के 1,42,151, केरल के 51,987, कर्नाटक के 38,614, तमिलनाडु के 37,264, दिल्ली के 25,650, उत्तर प्रदेश के 23,073 और पश्चिम बंगाल के 20,375 लोग थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।