लॉकडाउन में प्रवासी मजदूर कुछ भी कर के मुशिकल से मुशिकल हालात में भी अपने घरों को लौट रहे है और ये सिलसिला अभी भी खत्म नही हुआ है। कोई पैदल ही लंबा सफर तय कर रहा है तो कोई बीच में ही हिम्मत हार रहा है हम इन मजदूरों की तस्वीरें रोजाना सोशल मीडिया पर देखते हैं और उन तस्वीरों से उनके संघर्ष के बारे में पता लगाया जा सकता है।
इसी बीच एक और तस्वीर सामने आई जो कि 15 साल की ज्योति की है जो कि अपने बीमार पिता को साइकिल पर बिठा कर हरियाणा के गुड़गांव से अपने घर बिहार दरभंगा लौटी। रास्ते में आते वक्त 15 साल की मासूम को परेशानियां तो बहुत हुई लेकिन वो डटी रही और खड़ी रही इतना ही नही 2 दिन तक ज्योति को भूखा भी रहना पड़ा।
ज्योति ने 1000 किलोमीटर की दूरी को सात दिन में तय किया और अपने बीमार पिता को वो पीछे बिठा कर सफर किया और जब कभी वो थक जाती तो सड़क किनारे रूक कर सांस लेने लगती।
ज्योति के पिता गुड़गांव में ई-रिक्शा चलाने का काम करते थे लेकिन उनका एक्सीडेंट हो गया और फिर लॉकडाउन हो गया जिसके कारण उनका सारा काम ठप पड़ गया। इस वजह से उन्होंने वापिस गांव आने की सोची। दोनों ने सात दिन में ये सफर तय किया। ज्योती की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोग उसकी बेहद तारीफ़ें कर रहे हैं और इस काम को काफी सहार रहे हैं।