कृष्ण भक्तों के लिए 3 सितंबर का दिन बेहद खास है। आखिर हो भी क्यों ना? इस दिन उनके भगवान का इस धरती पर जन्म हुआ था। कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार पूरे भारत में सोमवार को जोर-शोरो से मनाया जाएगा। कुछ लोग तो इस दिन भगवान श्री कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिरों में जाकर उनके दर्शन करते हैं। वैसे तो भारत में कृष्ण जी और राधा के कई मंदिर हैं लेकिन आज हम आपको एक एेसे मंदिर के बारे में बताएंगे जहां भगवान कृष्ण अपनी पत्नी रुक्मिणी संग विराजते हैं।
यह मंदर मधुरा की पावन धरती पर है। यहां मौजूद द्वारकाधीश के मंदिर में भगवान कृष्ण अपनी पत्नी रुक्मिणी संग विराजते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में कृष्ण जी की जो मूर्ति लगी है वह कम से कम 250 साल पुरानी है। यह मुर्ती ग्वालियर में खुदाई के दौरान सिंधिया शासन काल को कोषाध्यक्ष गोकुल दास पारेख जी को मिली थी।
आपको जानकर हैरानी होगी द्वारकाधीश मंदिर में कृष्ण जी के 8 स्वरूप मौजूद हैं। पूरे दिन 8 बार कृष्ण जी के दर्शन करने के लिए कपाट खोले जाते हैं। हर बार कृष्ण जी के कपड़े और भोग पहले से अलग-अलग होता है।
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