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B'Day Spl: मुश्किलों भरा था हेमा का ड्रीमगर्ल से सांसद बनने तक का सफर

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 16 Oct, 2018 03:08 PM
B'Day Spl: मुश्किलों भरा था हेमा का ड्रीमगर्ल से सांसद बनने तक का सफर

बॉलीवुड की बेहतरीन अदकारा और सांसद की सदस्य हेमा मालिनी जी आज अपना 70वां बर्थ-डे सेलिब्रेट कर रही हैं। वह आज उस मुकाम पर है, जहां पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत-सी मुश्किलों का सामना किया। हेमा ने कई उतार चढाव झेले लेकिन फिर भी उन्होंने हार न मानते हुए बॉलीवुड और राजनीति में अपनी खास जगह बना ली। चलिए जानते है हेमा मालिनी का ड्रीम गर्ल से लेकर सांसद सदस्य बनने तक का सफर।

 

तमिलनाडु में हुआ जन्म
हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु में हुआ था। उनके पिता वी एस आर चक्रवाती और माता जया लक्ष्मी फिल्म प्रोड्यूसर थी। घर में फिल्मी माहौल होने के कारण उनका झुकाव इस ओर हो गया और उन्होंने पढ़ाई छोड़कर बॉलीवुड की ओर रूख किया। भले ही उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी लेकिन खुद को क्लासिकल डांस में निपुण कर लिया।

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शुरू में हो गई थी रिजेक्ट
शुरुआती दिनों में उन्होंने एक लघु नाटक, पांडव वनवासम में बतौर नर्तकी काम किया। जब उन्होंने फिल्मों के लिए इंटरव्यू देने शुरू किए तो उन्हें यह कहते हुए इंकार कर दिया जाता कि उनमें स्टार जैसी क्‍वालिटी नहीं है। इसके बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए कई संघर्ष किए लेकिन उन्हें काम नहीं मिला।

'सपनों का सौदागर' से मिली पहचान
1963 में उन्होंने तमिल फिल्म 'इथु सथियाम' से अपने अभिनय की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने फिल्म 'सपनों का सौदागर' से बॉलीवुड की एंट्री की। इस फिल्म के बाद उन्हें 'ड्रीम गर्ल' नाम दिया गया। बस यहीं से वह इस नाम से पहचानी जाने लगी और आज तक उन्हें ड्रीम गर्ल के नाम से ही जाना जाता है।

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मिल चुके हैं कई अवॉर्ड्स
1973 में हेमा जी को फिल्म 'सीता और गीता' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। उन्हें फिल्मों में उल्लेखनीय योगदान के लिए 1999 में 'लाइफटाइम एचीश्री सम्मान' से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा हिन्दी फिल्म और कला जगत में योगदान देने के लिए उन्हें भारत सरकार ने साल 2000 में 'पद्मश्री पुरस्कार' से सम्मानित किया।

राजनीति में कदम
फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद उन्होंने समाज सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया। भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से वह राज्य सभा की सदस्य बनीं लेकिन अधिकारिक रूप से वह सन 2003 से 2009 तक भारतीय जनता पार्टी की नियुक्त उम्मेदवार थी। मार्च 2010 में हेमा मालिनी बीजेपी की जनरल सेक्रेटरी बनी और इसी के साथ उनकी नियुक्ती लोक सभा के सदस्य के रूप में की गई।

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