'असली मसाले सच सच, एमडीएच... एमडीएच' यह लाइन बच्चे-बच्चे को याद है। सालों से ये लाइन और इन मसालों का स्वाद हम चख रहे हैं। लो लोग इन मसालों पर आंख मूंदकर विश्वाश करते हैं तो ये खबर आपको पढ़नी चाहिए। भारतीय कंपनी एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ पैकेटबंद मसालों में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाए गए हैं, जिसके चलते कई शहरों ने इसे बैन कर दिया है।
हांगकांग के फूड सेफ़्टी विभाग सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने एमडीएच के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स्ड पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला के इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है। हांगकांग स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन की सरकार के सेंटर फ़ॉर फ़ूड सेफ़्टी (CFS) ने पहले घोषणा की थी कि रूटीन सर्वेलैंस प्रोग्राम के दौरान इन तीनों मसालों में एथिलीन ऑक्साइड की मौजूदगी का पता चला है।
फूड सेफ्टी ने MDH और एवरेस्ट मसालों की खरीद बिक्री पर भी रोक लगाने को कहा है। सिंगापुर में भी एवरेस्ट के फिश करी मसाले को बाज़ार से वापस लेने के निर्देश दिए गए थे। फूड सेफ्टी विभाग ने खाद्य पदार्थों में कीटनाशक अवशेष नियमों (कैप. 132सीएम) का हवाला देते हुए कहा था कि- इसकी मौजूदगी वाला भोजन तभी बेचा जा सकता है कि जब इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह और ख़तरनाक न हो।
जानकारी के अनुसार हांगकांग में खाद्य पदार्थों में एथिलीन ऑक्साइड जैसे कीटनाशक का इस्तेमाल करने वालों पर अधिकतम 50 हज़ार डॉलर का जुर्माना हो सकता है। अपराध साबित होने पर जुर्माने के साथ छह महीने जेल की भी सज़ा हो सकती है। फूड सेफ्टी के मुताबिक 'एथिलीन ऑक्साइड' ऐसा पदार्थ है जिससे कैंसर होता है। उनका कहना है कि कीटनाशक अवशेष की मौजूदगी वाला खाना तभी बेचा जा सकता है कि जब सेहत पर इसका बुरा असर न पड़े।
वहीं एवरेस्ट ने अपनी सफाई में कहा था कि‘’हमारे सभी प्रोडक्ट कड़ी जांच के बाद ही तैयार और एक्सपोर्ट किए जाते हैं. हम साफ-सफाई और फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड का कड़ाई से पालन करते हैं. हमारे प्रोडक्ट्स पर इंडियन स्पाइस बोर्ड और एफएसएसएआई समेत सभी एजेंसियों की मुहर है.। हर एक्सपोर्ट से पहले हमारे प्रोडक्ट स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया की जांच से गुज़रते हैं’’।