नारी डेस्क: भारत में तकनीक और वास्तुकला के क्षेत्र में एक नई दिशा और इतिहास रचा गया है, जब पुणे में देश का पहला 3D-प्रिंटेड विला तैयार किया गया। इस अनोखे घर को कंटेंट क्रिएटर प्रियंम सारस्वत ने अपने इंस्टाग्राम वीडियो के माध्यम से दिखाया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर इस घर की चर्चा तेज हो गई। प्रियंम सारस्वत ने हाल ही में भारत के पहले 3D-प्रिंटेड विला का वीडियो साझा किया, जिसे पुणे में बनाया गया है। इस घर का निर्माण सिर्फ 4 महीनों में पूरा किया गया और इसकी तकनीक ने इंटरनेट यूजर्स को हैरान कर दिया।
कैसे बना यह 3D प्रिंटेड घर?
यह अनोखा विला Godrej Properties और Tvasta Engineering की साझेदारी में बना है। इस घर के निर्माण में स्पेशलाइज्ड कंक्रीट 3D प्रिंटर का इस्तेमाल किया गया है, जो घर के पूरे स्ट्रक्चर को परत दर परत प्रिंट करता है। वीडियो में प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि "यह घर बनाया नहीं गया, बल्कि प्रिंट किया गया है। एक विशाल 3D प्रिंटर को जमीन पर सेट किया गया और उसी ने पूरे घर को डिजाइन के अनुसार प्रिंट किया।"
घर की डिजाइन और स्मार्ट तकनीक
यह 2038 स्क्वायर फीट का विला एक शानदार और आधुनिक डिजाइन से सुसज्जित है। इसमें एक विशाल लिविंग एरिया और दो बेडरूम हैं। घर की बाहरी दीवारों को डबल-लेयर्ड डिजाइन किया गया है, जिसमें एक होलो स्पेस रखा गया है, ताकि पाइप, वायर और डक्ट आसानी से डाले जा सकें। इसके अलावा, इस घर की दीवारों में बेहतरीन इंसुलेशन दिया गया है, जो कम ऊर्जा खपत में ठंडे या गर्म तापमान को बनाए रखने में मदद करता है।

इस विला का निर्माण मात्र 4 महीनों में पूरा किया गया, जबकि पारंपरिक तरीके से घर बनाने में आमतौर पर एक साल या उससे भी अधिक समय लग सकता है। 3D प्रिंटिंग तकनीक के कारण घर का निर्माण अधिक तेज़ और किफायती हो गया है।
सोशल मीडिया पर जबरदस्त रिएक्शन
इस नई और अनोखी तकनीक को देखकर इंटरनेट यूजर्स भी हैरान रह गए। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घर के बारे में अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। लोग भी ऐसी टैकनोलोजी को देख शौक हो गये। सोशल मीडिया पर ये वीडियो खुब वायरल हो रहा है।

क्या 3D प्रिंटिंग से भविष्य में घर बनाए जाएंगे?
3D प्रिंटिंग तकनीक ने निर्माण की प्रक्रिया में कई बदलाव किए हैं, जैसे कि निर्माण की गति को बढ़ाना, कम लागत में निर्माण करना और पर्यावरण के लिए अधिक सस्टेनेबल (सतत) विकल्प प्रदान करना। भारत में इस नई तकनीक को अपनाए जाने से घरों का निर्माण तेज़, सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल हो सकता है। इससे आने वाले समय में घरों के निर्माण के तरीके में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है, जो न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा होगा, बल्कि लोगों के लिए भी एक नया और सस्ता विकल्प प्रदान करेगा।