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नवरात्रि में गलती से बुझ जाए अखंड ज्योत तो डरे नहीं करें ये काम, जानिए कुछ खास नियम

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 01 Apr, 2025 02:52 PM
नवरात्रि में गलती से बुझ जाए अखंड ज्योत तो डरे नहीं करें ये काम, जानिए कुछ खास नियम

नारी डेस्क: नवरात्रि में अखंड ज्योत जलाना मां दुर्गा की कृपा और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। हालांकि कई बार बहुत ज्यादा ध्यान देने के बावजूद भी अखंड ज्योति बुझ जाती है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो तो  घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ उपाय अपनाकर आप पुनः पूजन कर सकते हैं, इससे कोई दोष नहीं लगेगा।   

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अगर अखंड ज्योत बुझ जाए तो करें ये उपाय
  
 सबसे पहले माता रानी से मन ही मन क्षमा मांगें और पुनः श्रद्धा भाव से दीप प्रज्वलित करें।  दीपक, ज्योत रखने का स्थान, और बाती को गंगाजल से छिड़ककर शुद्ध करें। इसके बाद  “ॐ दुं दुर्गायै नमः” मंत्र का 11 बार जाप करें और दीपक फिर से जलाएं।  माता रानी से अपने घर में पुनः दिव्य ऊर्जा बनाए रखने की प्रार्थना करें।  कोई भी गलत विचार न रखें और पूजा-पाठ में पूरी श्रद्धा बनाए रखें।  ध्यान रखें कि अखंड दीपक की बाती बदलने से पहले  एक छोटा दीया जला लें, फिर अखंड दीपक में नई बाती और घी भर कर उसे फिर से जला सकते हैं। छोटे दीया को जलने दें, बुझने के बाद हटा लें। 

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अखंड ज्योत जलाते समय ध्यान रखने योग्य बातें

दीपक को ऐसी जगह रखें जहाँ हवा का सीधा प्रभाव न हो।  मंदिर के दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण) में दीपक रखना शुभ होता है।  घी का दीपक अधिक शुभ माना जाता है, लेकिन सरसों के तेल का दीप भी जलाया जा सकता है।  दीपक में पर्याप्त घी/तेल डालें ताकि बार-बार बुझने की समस्या न हो।  ज्योत की बाती सूती होनी चाहिए और उसे ठीक से बना कर रखें ताकि लौ स्थिर बनी रहे।  नियमित रूप से बाती और तेल/घी की मात्रा चेक करते रहें।  पंखा या तेज हवा से बचाने के लिए ज्योत के चारों ओर कांच या पीतल का दीपक-ढक्कन रख सकते हैं।  यदि घर में छोटे बच्चे हैं तो दीपक ऐसी जगह रखें जहां वे उसे छू न सकें।  विशेषकर रात में सोने से पहले और सुबह उठते ही दीपक का निरीक्षण करें।  पूजा स्थान के पास आग से बचने के सभी सुरक्षा उपाय रखें।  

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