26 APRFRIDAY2024 11:42:03 AM
Nari

बच्चों में होने वाली एलर्जी को खत्म करें ये सावधानियां

  • Updated: 04 Feb, 2017 12:53 PM
बच्चों में होने वाली एलर्जी को खत्म करें ये सावधानियां

बच्चों के शरीर पर दाने : बच्चे जो हरदम उछल कूद करते रहते है,जब थोड़े से भी बीमार पड़ जाते है तो हमें टैंशन होना स्वभाविक है। बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है जिस वजह से वे जल्दी बीमार हो जाते है। कई बच्चों को तो एलर्जी होना बहुत आम है। यह समस्या या तो ज्यादा दवाईयां लेने के बाद आई कमजोरी की वजह से हो जाती है या फिर सर्दी के मौसम में भी एलर्जी की अधिकता हो जाती है। जिन बच्चों को ये परेशानी होती है वे किसी काम में पूरा मन नहीं लगा पाते और हरदम चिड़चिड़े बने रहते है। आज हम आपको एलर्जी के लक्षण और सावधानियों के बारे में बताएगें ताकि आप अपने बच्चे को इससे बचा सके।


एलर्जी के लक्षण


1.अगर बच्चों में सर्दी, जुकाम की समस्या होती है तो नाक का बहना आम बात है, लेकिन यदि आपका बच्चा बार-बार अपनी नाक को रगड़े तो हो सकता है कि उसके नाक में किसी तरह की एलर्जी है जिसकी वजह से उसकी नाक बह रही है। यह समस्या ज्यादातर धूल मिट्टी के कण से होती है।  


2. त्वचा संबंधी समस्या भी एलर्जी का एक लक्षण हो सकता है। बच्चों में जहां की त्वचा जैसे कोहनी व घुटने मुड़े हुए होते हैं है वहां की त्वचा पर लाल चकत्ते दिखाई देते हैं। ऐसे ही चकत्ते आंखों के आसपास भी दिखाई देने लगते हैं। यह समस्या तब होती है जब बच्चे किसी चीज को छू देते हैं जिससे उन्हें एलर्जी हो जाती है।


3. जब बच्चों में पहली बार कफ के लक्षण दिखाई देते हैं तो आप मान लेते हैं कि यह एक वायरस है। अगर बच्चे में लगातार कफ बना हुआ है या वह ठीक हो कर बार-बार वापस आ जाता है , तो यह एक एलर्जी है। एलर्जी में होने वाला कफ सामान्यत: सूखा होता है।


4. कई बच्चों को फूड एलर्जी होती है।बच्चों को सामान्‍यत: अण्डे, दूध, सोया, मूंगफली या गेहूं तक से भी एलर्जी हो सकती है। जिन बच्चों को दूध, अंडे, गेहूं और सोयाबीन से एलर्जी है, अगर वह पांच साल की उम्र तक इन चीजों का सेवन न करें तो बाद में यह समस्या खत्म हो जाती है, लेकिन मूंगफली, नट्स और शेलफिश की एलर्जी सारी उम्र रहती है।

 


एलर्जी में रखी जाने वाली सावधानियां


1. एलर्जी होते ही बच्चों का तुरंत इलाज करवाना चाहिए और डाक्टर ने जो परहेज बताएं हैं उन बातों का ध्यान रखना चाहिए।


2. घर की नियमित सफाई करें। वैक्यूम क्लीनिंग करना अधिक बेहतर होगा। हर दो हफ्ते में घर के पर्दे और एक हफ्ते में बेडशीट को बदलें।


3. घर के कपड़ों को धोते समय उसमें एंटीसेप्टिक की दो बूंद डालना नहीं भूलें। यदि घर मेन रोड पर है तो दरवाजे और खिड़कियों को जहां तक संभव हो, बंद रखें। खिड़कियों पर शीशे के साथ बारीक जाली लगाएं। इससे कीडे़ मकौड़े भी घर के अंदर नहीं आ पाएंगे।


4. जिन पौधों में फूल होते हैं उन्हें कमरे के अंदर नहीं रखें।


5. घर से बाहर निकलने से पहले मुंह को किसी कपड़े से जरूर ढंके। यह आपको धूल मिट्टी व प्रदूषण से बचाएगा।


5. फर वाले पालतू जानवरों से दूरी रखें। घर में इनके होने पर इन्हें बेडरूम या सोने वाले बिस्तर पर न आने दें।

 

 

Related News