पेरेंटिंग: पहले समय में बढ़ती उम्र के लोगों में आंखों से संबंधी समस्याएं सुनने और देखने को मिलती थी लेकिन आजकल कम उम्र के बच्चों में यह समस्या आम दिख रही है। ऐसा बदलते लाइफस्टाइल और लोगों के खान-पान में बदलाव होने के कारण होता है। बच्चे अपना ज्यादातर समय टी.वी, कंम्यूटर पर आंखें गड़ाए रखते है और पौष्टिक आहार से कोसो दूर रहते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को उनकी आंखों की खास देखभाल करने की जरूरत है। अगर बचपन से ही बच्चे की आंखों पर ध्यान दिया जाएं तो आगे चलकर इनसे संबंधित कई तरह की समस्याओं से बचा सकता है।
बचपन में आंखों की देखभाल के लिए सलाह
1. आहार
संतुलित आहार, जिसमें लाल और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, गाजर, चुकंदर और पीले फल जिसमें शामिल हैं आम, पपीता जो कैरोटीन से भरपूर है जो बच्चों के लिए फायदेमंद होते है।
2. टी.वी देखना
बच्चे को ज्यादा देर तक टी.वी के पास न बैठने दें। टी.वी को अच्छी रोशनी वाले कमरे में रखें और अपने से 3.5 मीटर की दूरी पर इसको रखें।
3. कंम्प्यूटर का उपयोग
बच्चों को इसका इस्तेमाल विवेकपूर्ण ढ़ंग से करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि आंखें थके नहीं। कंम्प्यूटर की स्क्रीन आंख के स्तर से नीचे होनी चाहिए, जिससे आंखों की रोशनी बनी रहती है और थकावट दूर रहती है।
4. आंखों को बार-बार हाथ लगाना
स्कूली बच्चों में एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस होता है इसलिए बच्चों को आंखों को बार-बार पोछने से मना करना चाहिए।
5. नियमित अन्तराल
पढ़ने, कंम्प्यूटर पर कार्य करने और ऐसे ही अन्य आंखों से होने वाले कार्यों के लिए नियमित अंतर बनाए रखें। साथ ही बच्चों को आंखों पर पानी के छिटें डालने की आदत डालनी चाहिए।
6.पर्याप्त नींद
बच्चों को आंखों को पर्याप्त आराम देने और उचित नींद लेने की सलाह दें, ताकि आंखें स्वस्थ हो और रोशनी तेज हो।