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महिलाओं की हंसी छीन सकता है फाइब्रॉइड! राहत पाने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक तरीका

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 20 Nov, 2025 02:18 PM
महिलाओं की हंसी छीन सकता है फाइब्रॉइड! राहत पाने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक तरीका

नारी डेस्क:  फाइब्रॉइड गर्भाशय में बनने वाली गैर-कैंसरयुक्त गांठ होती है। यह गर्भाशय की दीवार, अंदरूनी परत या बाहर की सतह में कहीं भी हो सकती है। आमतौर पर छोटी गांठ बिना किसी दिक्कत के खुद ही गायब हो जाती है, लेकिन अगर यह बढ़ने लगे तो महिलाओं की जीवनशैली और स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकती है।

फाइब्रॉइड से होने वाली दिक्कतें

फाइब्रॉइड महिलाओं के लिए कई तरह की परेशानियाँ पैदा कर सकता है। सबसे आम समस्या है महावारी में बदलाव, जैसे अत्यधिक रक्तस्राव या अनियमित पीरियड्स। इसके साथ ही पेट में दर्द, असहजता, पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज, और गर्भधारण में कठिनाई भी आम है। फाइब्रॉइड बढ़ने पर यह जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है और रोजमर्रा के कामकाज में बाधा डाल सकता है।

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कांचनार गुग्गुलु से राहत

आयुर्वेद में फाइब्रॉइड और हार्मोन संतुलन के लिए कांचनार गुग्गुलु को महत्वपूर्ण माना गया है। यह हार्मोन को संतुलित करता है और गांठ के बढ़ने को रोकता है। इसे पाउडर या टैबलेट के रूप में लिया जा सकता है। नियमित सेवन से फाइब्रॉइड के दर्द और बढ़ने की समस्या में काफी राहत मिल सकती है।

शतावरी और त्रिफला के फायदे

शतावरी और त्रिफला चूर्ण गर्भाशय से जुड़ी कई समस्याओं में मदद करते हैं। यह मासिक धर्म को नियमित करता है और गर्भाशय की आंतरिक परत को मजबूत बनाता है, जिससे गर्भधारण करना आसान होता है। कैसे लें: शतावरी को रात को दूध के साथ लिया जा सकता है, जबकि त्रिफला चूर्ण को सुबह खाली पेट पानी के साथ। यह संयोजन गर्भाशय की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार लाता है और फाइब्रॉइड के खतरे को कम करता है।

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अशोका अर्क का महत्व

अशोका अर्क भी फाइब्रॉइड में राहत दिलाने वाला एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय है। यह मासिक धर्म की अनियमितता को नियंत्रित करता है और गर्भाशय में गांठ बनने की संभावना को घटाता है। नियमित सेवन से दर्द और सूजन कम होती है, जिससे महिला अपने रोजमर्रा के कामकाज में सहज महसूस करती है।

हल्दी से सूजन कम करें

हल्दी में प्राकृतिक सूजन कम करने वाले गुण होते हैं। इसे दूध या काढ़े के साथ लिया जा सकता है। हल्दी न केवल गर्भाशय की सूजन को कम करती है बल्कि हर महीने बनने वाली गर्भाशय की परत को भी स्वस्थ बनाती है। इससे फाइब्रॉइड के बढ़ने का खतरा कम होता है।

योग और जीवनशैली सुधारें

फाइब्रॉइड से राहत पाने और इसे रोकने के लिए स्वस्थ जीवनशैली बहुत जरूरी है। रोजाना योग और पैल्विक फ्लोर की एक्सरसाइज करना चाहिए। विशेष आसन जैसे किगल, ब्रिज, पेल्विक टिल्ट, बधकोण और तितली आसन गर्भाशय के संकुचन को कम करते हैं और रक्त संचार को सही बनाए रखते हैं। यह गर्भाशय की मांसपेशियों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है।

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फाइब्रॉइड महिलाओं के लिए परेशानियों का कारण हो सकता है, लेकिन सही आयुर्वेदिक उपाय, पौष्टिक आहार और योग से इसके लक्षणों में राहत पाई जा सकती है। अगर गांठ बढ़ती है या दर्द अधिक होता है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। सही देखभाल और जीवनशैली बदलाव से महिला अपने स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता को बनाए रख सकती है।  

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