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बच्चेदानी में रसौलियों के संकेत इग्नोर ना करें महिलाएं, कारण और बचाव भी जानिए

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 20 Jul, 2024 04:49 PM
बच्चेदानी में रसौलियों के संकेत इग्नोर ना करें महिलाएं, कारण और बचाव भी जानिए

नारी डेस्क: महिला के शरीर में अहम अंगों में गर्भाशय भी शामिल है, जिसे बच्चेदानी भी कहते हैं। इस अंग के जरिए ही एक महिला मां बनने का सुख पाती है लेकिन कई बार यूट्रस में कुछ सेहत से जुड़ी समस्याएं आने लगती है, जिसमें रसौलियां होना सबसे आम है। पहले 30 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को रसौलियों की परेशानी सुनने को मिलती थी जिसे फाइब्रॉयड्स व सिस्ट भी कहते हैं लेकिन अब बदलते व बिगड़ते लाइफस्टाइल के चलते टीनएज लड़कियों को भी रसौलियों की परेशानी होने लगी है। ये रसौलियां वैसे तो ज्यादातर मामलों में महिलाओं को दर्द व तकलीफ नहीं देती लेकिन कई बार यह पीरियड्स व प्रेगनेंसी में परेशानी खड़ी कर देती है। इस समस्या को अगर समय रहते पकड़ लिया जाए तो इससे छुटकारा मिल सकता है इसलिए इसके लक्षणों को नजरअंदाज ना करें।

इन लक्षणों को इग्नोर न करें

पीरियड्स की अनियमितता         

ज्यादा या कम ब्लीडिंग होना

पेल्विक हिस्से में दर्द होना

बार-बार यूरिन पास होना

पेट में सूजन हो या कब्ज रहे

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यूट्रस में रसौलियों के संकेत 

हालांकि ये रसौलियां क्यों होती हैं इसका कोई स्पष्ट कारण तो नहीं पता लेकिन इसे लाइफस्टाइल से ही जोड़कर देखा जाता है।मोटापा, जेनेटिक कारणों के चलते और खान-पान की गलत आदतों के चलते यूट्रस में सिस्ट हो सकते हैं।

इलाज की बात करें तो यह निर्भर करता है आपकी बच्चेदानी में रसौली का साइज क्या है इसके बाद ही स्थिति को देखते हुए डाक्टर आपको सलाह देंगे। अगर यह दवाइयों से ठीक हो सकती हैं तो दवाइयां दी जाएगी नहीं तो सर्जरी का ऑप्शन भी इसमें रहता है।

घरेलू नुस्खों की मदद से आऱाम मिलेगा

रोजाना खाली पेट लहसुन की एक कली का पानी के साथ सेवन करें।
एक चम्मच आंवला पाउडर में एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर खाएं. ऐसा एक महीने तक करें।
हल्दी का सेवन करें आप सब्जी में हल्दी डालकर व हल्दी वाला दूध ले सकती हैं।
रोजाना सुबह गुनगुने पानी में उचित मात्रा में  सेब का सिरका डालकर पीएं।

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कोई भी घरेलू नुस्खा आजमाने से पहले चिकित्सक से परामर्श जरूर लें

बच्चेदानी में रसौली को ठीक करने के लिए लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव भी लाने की जरूरत है जैसे संतुलित आहार और डेली एक्सरसाइज। संतुलित डाइट में हरी-पत्तेदार सब्जियां, दालें, साबुत अनाज, ड्राई फूट्रस आदि जरूर खाएं, ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। जंक- फास्ट फूड, बाहर का खाना, पैक किए हुए आयली फूड से परहेज करेंं। खाली पेट एलोवेरा जूस का सेवन करें। पेट के निचले हिस्से में गुनगुने कैस्टर ऑयल से 15 मिनट पर हलके हाथों से मालिश करें। रोजाना सुबह कम से कम 30 मिनट के लिए एक्सरसाइज करें। योग में सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, सर्वांगासन करें।

याद रखिए लाइफस्टाल को सही रखकर ही आप बीमारियों से बचे रह सकते हैं।

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