नारी डेस्क : आजकल सोशल मीडिया और फैशन रनवे पर एक छोटा सा मेटल पीस, सेफ्टी पिन, महिलाओं और युवाओं के गले में खूब नजर आ रहा है। जो कभी कपड़ों के फटने पर काम आता था, अब यह फैशन और एक स्टेटमेंट पीस बन चुका है। 2025 में यह Gen Z और मिलेनियल्स दोनों की पसंद बन गया है।
सिलाई बॉक्स से फैशन रनवे तक
सेफ्टी पिन ने पहली बार 1970 के दशक में लंदन के पंक फैशन मूवमेंट में पहचान बनाई। उस समय डिज़ाइनर विवियन वेस्टवुड और मैल्कम मैकलेरन ने इसे विद्रोही फैशन का हिस्सा बनाया। फटे टी-शर्ट, रिप्ड जींस और स्पाइक हेयर के साथ यह छोटे मेटल पीस ने पंक स्टाइल को परिभाषित किया।

समय के साथ बदलता मतलब
1970 के दशक के बाद, सेफ्टी पिन का मतलब सिर्फ फैशन नहीं रहा। कुछ साल पहले कई सोशल मूवमेंट्स में लोग इसे पहनते थे ताकि यह दिखा सके कि आप सुरक्षित और सपोर्टिव हैं। धीरे-धीरे यह एकजुटता, स्ट्रगल से निकलने की हिम्मत और मेंटल हेल्थ अवेयरनेस का प्रतीक बन गया।
सेलिब्रिटी और क्रिएटर्स भी ट्रेंड कर रहे हैं
बेला हदीद, दुआ लीपा जैसी अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटी सेफ्टी पिन नेकलेस को अलग-अलग अंदाज में पहन रही हैं। भारत में फैशन इनफ्लुएंसर इसे साड़ी, ब्लेज़र और स्ट्रेटवियर लुक के साथ स्टाइल कर रहे हैं। ब्रांड्स जैसे Balenciaga, Givenchy और Alexander McQueen ने इसे गोल्ड और डायमंड के साथ लग्जरी ट्विस्ट भी दिया।
मेंटल हेल्थ और स्ट्रगल का प्रतीक
कई लोग अब सेफ्टी पिन सिर्फ ज्वेलरी के रूप में नहीं पहनते। यह मेंटल हेल्थ अवेयरनेस, स्ट्रगल से निकलने की हिम्मत और आत्मविश्वास का प्रतीक बन गया है। इंस्टाग्राम पर लोग इसके पीछे की पर्सनल स्टोरी भी शेयर कर रहे हैं। कुछ इसे रिकवरी और सेल्फ लव, कुछ इसे रिजिलिएंस और स्ट्रगल से जूझने की निशानी मानते हैं।

क्यों है यह ट्रेंड इतना खास?
छोटी सी चीज़, लेकिन बड़ा संदेश। सेफ्टी पिन केवल फैशन स्टेटमेंट नहीं, बल्कि आज के जमाने में सशक्त और मजबूत रहने का प्रतीक बन गया है। यह बताता है कि चाहे हालात कितने भी मुश्किल हों, आप अभी भी खड़े हैं और आगे बढ़ रहे हैं।