सोते समय कई बार बच्चे हंसते तो कभी रोनी शक्ल बना लेते हैं, जिसे मेडिकल भाषा में "Hypnic Jerk" भी कहते हैं। एक्सपर्ट की मानें तो यह बच्चों के शारीरिक विकास से जिड़ी प्रक्रिया है। कई बार बच्चे नींद में झटके भी खाते हैं लेकिन अगर बच्चा सोते वक्त जोर से हिलता है या रोते हुए उठ जाता है तो यह किसी गंभीर परेशानी का संकेत हो सकता है। ऐसे में इसे आम क्रिया मान लेना पेरेंट्स की सबसे बड़ी गलती है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि बच्चों को क्यों आते हैं नींद में झटके, इसके कारण और इलाज...
बच्चों को क्यों आते हैं सोते वक्त झटके?
. सोते समय बच्चे का हिलना या झटके खाना अविकसित मस्तिष्क या नसों का संकेत हो सकता है। यह पूरी तरह नॉर्मल प्रक्रिया है इसलिए इससे परेशान होने की जरूरत नहीं।
. कई बार बच्चे कच्ची नींद में होते हैं। नींद पूरी ना होने की वजह से उनकी आंखें खुली रहती है या वो हाथ-पैर हिलाते हैं। ऐसे में परेशान होने की जरूरत नहीं।
. मांसपेशियों में ऐंठन या दर्द की वजह से भी ऐसा हो सकता है। इसके लिए बच्चों की अच्छी तरह से मालिश करें।
.थकान और तेज आवाज के कारण भी बच्चा हाथ-पैर, पीठ और कंधे हिलाता है। ऐसे में उन्हें शांत जगह पर सुलाएं, ताकि वो पूरी नींद लें।
. एक्सपर्ट के मुताबिक, जो महिलाएं प्रेगनेंसी में अधिक कैफीन लेती है, उनके बच्चों में भी यह समस्या हो सकता है।
. रैपिड आई मूवमेट(आरईएम) का सेंसरिमोटर विकास से भी जुड़ा होता है। दरअसल, शारीरिक विकास के दौरान शिशु का शरीर उन्हें अंगों के काम के बारे में सिखाता, जिसकी वजह से ऐसा हो सकता है।
बच्चों को झटके आने पर क्या करें?
वैसे तो सोते समय झटके आना नॉर्मल है लेकिन बार-बार ऐसा हो तो बच्चे की नींद में खलल पड़ता है। ऐसे में उनकी नींद खराब ना हो इसके लिए कुछ उपाय करें...
. बच्चे को झटके आ रहे हो तो उनके हाथ-पैर को धीरे-धीरे सहलाएं।
. शिशु के सिर पर प्यार की थपकी दें।
. सोने से कुछ देर पहले उनके शरीर की अच्छी तरह मालिश करें।
. घर के शांति का माहौल रखें, ताकि बच्चा आराम से सो सकें।
. अपनी डाइट में आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम जैसे पोषक तत्व व खनिज शामिल करें।
कब तक और कितने बार बच्चों को आते हैं झटके?
एक्सपर्ट के मुताबिक, सोते वक्त बच्चे को 2-3 महीने तक झटके आते हैं। ऐसा एर बार में 3-4 बार हो सकता है। अगर बच्चे को कई बार या जोर-जोर से झटके आएं तो यह परेशानी का कारण हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।