
नया साल शुरु होने में कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में कई लोग इस दौरान अपने घर नया कैलेंडर लेकर आते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में नया कैलेंडर लाने के पहले कुछ वास्तु नियमों का ध्यान रखना जरुरी है। वास्तु शास्त्र की मानें तो घर में नया कैलेंडर लगाने के कुछ नियमों के बारे में बताया गया है जिनका पालन करने से घर के परिजनों की तरक्की हो सकती है। इसके अलावा पूरे साल भी भाग्य का साथ बना रहेगा। यदि कोई व्यक्ति गलत तरीके से घर में कैलेंडर लगाता है तो उसे पूरे साल कई तरह की बाधाओं और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। चलिए आपको बताते हैं कि कैलेंडर को घर में लगाने के सही नियम क्या हैं......
इस दिशा में लगाएं कैलेंडर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की पूर्व, उत्तर और पश्चिम की दीवार पर नया कैलेंडर लगाना उचित माना जाता है। ऐसा करने से घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है और घर में खुशी का माहौल बना रहता है। घर की पूर्व दिशा में उगते सूरज की गुलाबी, लाल और हरे रंग का कैलेंडर लगाना भी बेहद लाभकारी माना जाता है। उत्तर दिशा में नए कैलेंडर के साथ बहती नदी, झरने, हरियाली या फिर शादी की तस्वीर लगाना भी शुभ माना जाता है।

घर में आएगी सुख-समृद्धि
वास्तु शास्त्र की मानें तो घर में सुनहरी, स्लेटी रंग का कैलेंडर लगाना भी शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
न करें ये गलती
घर में नया कैलेंडर लगाते समय इसे कभी भी घर की दक्षिण दिशी की दीवार पर न लगाएं। इससे घर के मालिक के शुभ कार्य में बाधा आती है और उनकी सेहत पर भी नेगेटिव असर पड़ता है। कभी भी पुराना कैलेंडर घर में नहीं लगाना चाहिए। इससे कार्य में रुकावट आती है।

मेन गेट के पीछे
कभी भी कैलेंडर को मेन गेट के पीछे या फिर मेन गेट पर नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से परिवार की तरक्की की राह में कई तरह की बाधा आती है। घर में कभी भी हिंसक और दुखी चेहरे वाले कैलेंडर को जगह न दें। इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी पुराने कैलेंडर पर नए कैलेंडर को न लगाएं। इससे घर में नेगेटिव एनर्जी का संचार होता है। कभी-कभी घर में कटे-फटे कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए। इससे घर में नेगेटिविटी बनती है।
