जिंदगी में अगर थोड़ी-सी उथल पुथल हो जाए तो अक्सर हम उदास हो जाते हैं और आगे बढ़ने की उम्मीद ही छोड़ देते हैं लेकिन आज हम आपको एेसे बच्चों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी परिस्थिति से हार नहीं मानी बल्कि दुनिया के लिए मिसाल बन गए।
अमृतसर पिंगलवाडा में रहते हैं सोना-मोना
हम बात कर रहे हैं एक जिस्म दो जान कहे जाने वाले सोना मोना की। पिंगलवाड़ा संस्था में रह रहे सोना-मोना अब अपने पैरों पर खड़े हो गए है। सोना-मोना ने किसी पर बोझ ना बनते हुए खुद काम करना शुरू कर दिया है। अब सोना-मोना बिजली का काम कर अपना गुजारा करते हैं। दोनों ने पहले सारा काम सिखा और अब वे बिजली का हर काम आसानी से कर लेते हैं। आपस में शरीर जुड़े होने के बावजूद वह बिजली के मकैनिक बने। एक-दूसरे की मदद से उन्होंने बिजली का सारा काम सिखा। वे संस्था के साथ -साथ आसपास के इलाकों में जाकर बिजली की तारे लगाने और बिजली के पंखे ठीक करने का भी काम करते हैं।
लोगों के लिए कायम की मिसाल
आपको बता दें कि इससे पहले वे पढ़ते थे और कीर्तन किया करते थे। सोना मोना ने यह साबित किया कि अगर दिल में कुछ करने की चाह हो तो कोई भी रास्ता मुश्कित नहीं होता। सोना-मोना एक-दूसरे का सहारा बन अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रहे हैं और दूसरे लोगों के लिए मिसाल भी कायम कर रहे हैं।