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दिल स्वस्थ, दिमाग ठंडा, स्किन चमकदार... शरीर को एक नहीं अनेक फायदे देता है ये जंगली फूल

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 30 Apr, 2024 06:15 PM
दिल स्वस्थ, दिमाग ठंडा, स्किन चमकदार... शरीर को एक नहीं अनेक फायदे देता है ये जंगली फूल

हिमाचल प्रदेश के जुन्गा क्षेत्र की मुदाघाट, छलंदा, कोटी और कुफरी घाटियां इन दिनों बुरांस के फूलों से सराबोर हैं जिसका इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटक भरपूर लुत्फ उठा रहे हैं। इस फूल का वैज्ञानिक नाम रोडोडेंड्रोन है। इसके पेड़ों पर मार्च और अप्रैल में लाल और गुलाबी फूल खिलते हैं। यह पौधा ठंडे स्थानों पर जहां तापमान 12 डिग्री सेल्सियस हो तथा ढलान वाले स्थानों पर उगता है।

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 इसमें ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती। बुरांस समुद्र तल से 1500 से 3600 मीटर की मध्यम ऊंचाई पर पाया जाने वाला एक पेड़ है। इस पेड़ की पत्तियां दिखने में मोटी और फूल बेल के समान होते हैं। यह पेड़ जंगलों में अपने आप उग जाता है और इसकी देखभाल करने की भी जरूरत नहीं पड़ती। कृपया ध्यान दें कि यह फूल हिमाचल में बहुतायत में पाया जाता है। शिमला, कांगड़ा, सोलन, धर्मशाला और किन्नौर में इस फूल का उपयोग अचार, जैम और जूस के रूप में किया जाता है।

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ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग बुरांस के फूल बाजार में बेचने के लिए लाते हैं और लोग औषधीय प्रयोजन के लिए इस फूल को उत्सुकता से खरीदते हैं। वर्तमान परिपेक्ष्य में बुरांस के फूल लोगों की आय का साधन भी बन गये हैं। आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. विश्वबंधु जोशी का कहना है कि बुरांस के फूल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं जिनका उपयोग विभिन्न औषधियों में किया जाता है। 

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बुरांस में विटामिन ए, बी-1, बी-2, सी, ई और के प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो वजन बढ़ने से रोकता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है। इतना ही नहीं, बुरांस अचानक दिल का दौरा पड़ने के खतरे को भी कम करता है। कहा जाता है कि बुरांस के फूलों का शर्बत दिमाग को ठंडक देता है और अच्छा एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण त्वचा रोगों से बचाता है। 

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बुरांस के फूलों की चटनी बहुत स्वादिष्ट होती है जो लू और नकसीर से बचने का अचूक उपाय है। क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिक प्रीतम ठाकुर और बलोग पंचायत के विश्वानंद ठाकुर ने कहा कि वैशाख के अवसर पर बुरांस के फूलों की माला बनाकर पहले अपने कुल देवता के मंदिर में और फिर अपने मंदिर में रखना शुभ माना जाता है। कुछ लोग बुरांस की पंखुड़ियों को सुखाकर चटनी और अन्य खाद्य पदार्थों में उपयोग करते हैं। 

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