प्रेग्नेंसी का दौर महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स का बदलाव भी होता है। जिस कारण वो बहुत सी बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं। गर्भवती महिलाओं में फैटी लिवर की समस्या तीसरे महीने में या फिर डिलीवरी के बाद हो जाती है। जिससे मां और बच्चे दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए बताते हैं इससे जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में...
फैटी लिवर किस कारण से हो सकता है
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को एक्यूट फैटी लीवर की समस्या से जुझना पड़ सकता है। शोध के मुताबिक, इसके लक्षणों का पता लगा पाना मुश्किल है। लेकिन मेटाबोलिक विकार के कारण ये समस्या आपको हो सकती है। भ्रूण में फैटी एसिड के ऑक्सीडेशन एंजाइम के कारण शिशु के लिवर में परेशानी हो सकती है।
इसके लक्षण कुछ इस प्रकार है...
पेट में दर्द होना
गर्भवती महिलाओं को पेट में दर्द रहती है। लेकिन यदि आपको प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा समस्या आ रही है तो आप डॉक्टर से संपर्क करें। इस दौरान ज्यादा दर्द होने से भी आपको फैटी लिवर की समस्या हो सकती है।
घबराहट और उल्टी होना
प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ अटपटा खाने के कारण भी आपका जी मचलता ही रहता है। परंतु अगर आपको काफी समय तक उल्टी आ रही है तो आप इसे नजरअंदाज न करें। तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें।
पीलिया
लिवर में समस्या होने के कारण आपके शरीर में पीलिए के लक्षण दिखने लगते हैं। इससे आपकी आंखें, नाखून और हाथों में पीलापन नजर आ सकता है। यदि आपको प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसे लक्षण नजर आते हैं तो जांच जरुर करवाएं।
थकान
ज्यादा कामकाज करने के कारण भी शरीर में थकान महसूस होने लगती है।जिस कारण आपका शरीर कमजोरी महसूस करने लगता है। यदि आप इस दौरान ज्यादा थका हुआ महसूस करते हैं तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरुर लें।
सिरदर्द
सिरदर्द को बहुत सी महिलाएं हल्के में लेती हैं। प्रेंग्नेसी के दौरान होने वाले शारीरिक दर्द भी आपके लिए बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर सकते हैं। ज्यादा सिरदर्द होने पर डॉक्टर को जरुर दिखाएं। ये भी फैटी लिवर का एक कारण हो सकते हैं।