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छोटे बच्चों को बोलना सीखाने में बेहद कारगर हैं ये 4 किताबें, मानसिक विकास के साथ बेहतर होगी शब्दों की समझ

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 24 Feb, 2023 12:47 PM
छोटे बच्चों को बोलना सीखाने में बेहद कारगर हैं ये 4 किताबें, मानसिक विकास के साथ बेहतर होगी शब्दों की समझ


वैज्ञानिकों ने बच्चों के जल्दी बोलने को लेकर भाषा के विकास पर अध्ययन किया है। उनके मुताबिक, अगर जन्म के चार हफ्ते के बाद से बच्चे को नौ महीने तक रोज किताब को पढ़कर सुनाए तो उनमें बोलने का विकास जल्दी होता है। शोध के पाया गया है कि ऐसे बच्चे शब्दों को जल्दी समझने लगते हैं और वह नौ महीने में ही बोलना सीख जाते हैं। यह शोध अमेरिका मार्शल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया है। 

शोध के अनुसार अगर बच्चे को रोज किताब के कुछ पन्ने पढ़कर सुनाए जाए तो वह 12 महीने और उससे कम उम्र के शिशुओं में बोलने की समझ विकसित हो जाती है। अमेरिकन बोर्ड ऑफ फैमिली मेडिसिन के जनर्ल में यह शोध प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में करीब 49 परिजनों को कोई किताब नहीं दी गई। वहीं 60 परिजनों को 20 किताबों का एक सेट दिया गया। इसमें विशेष के विकास और चित्र वाली किताबें थीं। परिजनों ने दो हफ्ते में बच्चों के सीखने की क्षमता और भाषा के परीक्षण की सहमति दी। 

इन चार किताबों से जल्दी होता है विकास

काले-सफेद चित्रों वाली किताब

नवजात शिशुओं के लिए सबसे अच्छी किताबें हैं, जिनमें काले- सफेद चित्र होते हैं। इस प्रकार की छवियां बच्चे के दिमाग को सबसे मजबूत दृश्य संकेत भेजती हैं। इसके अलावा, किताब को बच्चे के चेहरे से 8 से 12 इंच की दूरी पर रखें, क्योंकि बच्चे के आंख की रेटिना जो प्रकाश का पता लगाती हैं, जन्म के समय वह पूरी तरह से विकसित नहीं होता है।

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संवाद वाली पुस्तकें

अपने बच्चे के साथ किताब का आनंद लेते समय अपनी आवाज का स्वर बदलकर या ध्वनि प्रभाव और गाति का उपयोग करके कहानी को जीवंत बनाएं। उन चित्रों को इशारा करें जो आपके शब्दों से मेल खाते हों। अपनी संस्कृति के बारे में किताबें खोजें।

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कविता और गीत की किताबें

जब तक आपका बच्चा एक साल का होता है, तब तक वह एक भाषा बोलने के लिए आवश्यक सभी ध्वनियां सीख चुका होगा। इन ध्वनियों को सुदृढ़ करें और तुकबंदी जैसे कि कविता वाली किताबें पढ़ें। कविता उन सामान्य विभिक्तयों को प्रदर्शित करती हैं जिनका इस्तेमाल हम बोलते समय करते हैं।

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वे किताबें जिन्हें बच्चे चबा सकते हैं

जन्म के बाद एक समय आता है जब बच्चा सब कुछ अपने मुंह में डालना शुरु कर देता है। तीन महीने से कम उम्र के बच्चों के लिए किताबों को चबाना विकास की द्दष्टि से अच्छा होता है। इस दौरान बच्चे की ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम होती है। किताब चबाने से बच्चों की जीभ मजबूत होती है, जो उनके बोलने के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

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