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बीच हवा में बच्चे की रुकने लगी सांसें, देवदूत बनकर आए डॉक्टरों ने फ्लाइट में बचाई मासूम की जान

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 02 Oct, 2023 09:58 AM
बीच हवा में बच्चे की रुकने लगी सांसें, देवदूत बनकर आए डॉक्टरों ने फ्लाइट में बचाई मासूम की जान

ईश्वर के बाद अगर किसी व्यक्ति को कोई नई जिंदगी देता है तो वह डॉक्टर ही है। इसीलिए उन्हें धरती का भगवान कहा जाता है। कई बार ऐसा पल आता है जब  डॉक्टर मौत को मात देकर जिंदगी बचा लेता है।  ऐसा ही कुछ हुआ रांची से दिल्ली आ रहे एक विमान में, यहां जन्मजात हृदय रोग से ग्रस्त एक बच्चे को अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगी और दो यात्री चिकित्सकों ने उसका इलाज किया

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बच्चे को विमान में आई परेशानी

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी डॉ. नितिन कुलकर्णी और रांची सदर अस्पताल के एक चिकित्सक ने बच्चे का इलाज किया। कुलकर्णी ने मेडिकल की पढ़ाई की है। एक घंटे बाद जब विमान यहां उतरा तो मेडिकल टीम ने बच्चे को अपनी देखरेख में ले लिया और उसे ऑक्सीजन ‘सपोर्ट' दिया। बताया जा रहा है कि बच्चे के माता-पिता उसे हृदय संबंधी बीमारी के इलाज के लिए ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ला रहे थे। शनिवार को, विमानन कंपनी इंडिगो के विमान के उड़ान भरने के करीब बीस मिनट बाद चालक दल ने आपातकालीन घोषणा की और एक बच्चे की मदद के लिए विमान में यात्रा कर रहे चिकित्सकों से सहायता मांगी। 

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इलाज के लिए बच्चे को ले जा रहे थे एम्स

वर्तमान में झारखंड के राज्यपाल के प्रधान सचिव कुलकर्णी और रांची के सदर अस्पताल के डॉक्टर मोजम्मिल फिरोज मदद के लिए आगे आए। डॉ कुलकर्णी ने बताया-, ‘‘बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उसकी मां रोने लगी। मैंने और डॉ. मोजम्मिल ने बच्चे की देखभाल की। वयस्कों वालों मास्क के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई क्योंकि विमान में कोई शिशु मास्क उपलब्ध नहीं था। हमने उसके मेडिकल रिकॉर्ड की जांच की तो पाया कि बच्चा जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित था। इलाज के लिए उसके माता-पिता उसे एम्स ले जा रहे थे।'' 

 

इंजेक्शन और ऑक्सीजन से बच्चे की हालत में आया सुधार

डॉक्टरों ने बताया कि दवाओं की किट से थियोफाइलिन इंजेक्शन दिया गया और माता-पिता के पास भी इंजेक्शन डेक्सोना था जिससे उपचार में काफी मदद मिली। इंजेक्शन और ऑक्सीजन देने के बाद बच्चे की तबीयत सुधरने लगी। उन्होंने कहा- ‘‘शुरुआती 15-20 मिनट बहुत महत्वपूर्ण और तनावपूर्ण थे। आखिरकार उसकी आंखें सामान्य हो गईं।'' उन्होंने कहा कि विमान का दल भी बहुत मददगार था और उन्होंने तुरंत सहायता प्रदान की। 

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दुनिया कर रही दोनों डॉक्टरों को सलाम

उड़ान सुबह नौ बजकर 25 मिनट पर यहां उतरी और मेडिकल टीम बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट देने के लिए पहुंच गई। एक अन्य सह-यात्री ने बच्चे की जान बचाने के लिए दोनों चिकित्सकों को सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बधाई दी। एएस देवल ने अपने पोस्ट में लिखा- ‘‘आज, मैंने इंडिगो में एक व्यक्ति को छह महीने के बच्चे की जान बचाते हुए देखा। झारखंड में राज्यपाल आवास के आईएएस डॉ. नितिन कुलकर्णी ने डॉक्टर की भूमिका निभाई और बच्चे की जान बचाई। आपको सलाम सर।'' 
 

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