हर लड़की चाहती है कि शादी के बाद ससुराल में उसे उसकी मां जैसी सास मिले, और कहीं न कहीं सास के मन में भी यही बात होती है कि उसे अपनी बेटी जैसी बहू मिले। अब हल्की-फुल्की नोक-झोक तो मां और बेटी में भी हो जाती है, तो ऐसे में यदि यह नोक-झोक सास-बहू में हो तो इसमें कोई बुरी बात नहीं है। जरुरत है तो बस एक दूसरे के मन की बात समझने की...चलिए आज बात करते हैं दुनिया के सबसे अनमोल रिश्ते सास-बहू के बारे में... जानेंगे कि क्यों होती है इस रिश्ते में तकरार और कैसा रखा जाए इस प्यारे से रिश्ते को सुरक्षित...
सबसे पहला कारण है- जेनेरेशन गैप
जेनेरेशन गैप यानि दो पीड़ियों की सोच में फर्क। जरुरी नहीं यह फर्क सिर्फ सास-बहू में ही देखने को मिले, अक्सर मां और बेटी में भी इस तरह की नोक-झोक देखने को मिलती है। मगर यदि आप नहीं चाहती कि आपकी सास या फिर बहू के साथ ऐसी नोक-झोक हो तो सबसे पहले एक दूसरे की बात और जीवन शैली समझने की कोशिश करें। बहू को चाहिए कि वह अपनी सास की बनाई मरियादाओं का अच्छे से पालन करे और सास को भी चाहिए कि जिस माहौल से बहू आई है कुछ-कुछ वह भी उस माहौल को समझे और खुद को उसमें ढालने की कोशिश करे।
रीति-रिवाज
कई बार नई नवेली बहू को आपके घर के रीति-रिवाज फॉलो करने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में आपको भी चाहिए कि उसकी प्रॉबल्म को समझें न कि उसे इंसल्ट या फिर इस बात पर उससे रुठें। हो सकता है नौकरी की वजह से या फिर किसी भी अन्य कारण के चलते उसे आपके रीति-रिवाज फॉलो करने में परेशानी हो रही हो। आप उसे अपना घर का कल्चर समझा दें, अगर तो बहू सभी चीजों को फॉलो कर ले तो उससे अच्छी कोई बात नहीं, मगर यदि किसी कारणवश वह ऐसा नहीं कर पा रही तो उसे डांटे या फिर उससे नाराज नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से रिश्ते बिगड़ जाएंगे, संभलेंगे नहीं। हो सकता है धीरे-धीरे उसे आपकी हर बात समझ आने लग जाए।
तुलना
कभी भी बहू को या फिर सास को अपने घर की तुलना अपने ससुराल या फिर मायके वालों से नहीं करनी चाहिए। खासतौर पर खान-पान की बात, अब किसी घर में ज्यादा मिर्च-मसाले वाला भोजन पसंद किया जाता है तो कहीं सिंपल और सादा। अगर आपकी बहू सिंपल खाना बनाती है मगर आपके घर में स्पाइसी बनता है तो उसे प्यार से अपने घर के स्वाद बताना चाहिए। न कि हम तो ऐसा खाते हैं या हम तो वैसा नहीं खाते। ऐसा ही बहू को भी सोच समझकर बोलना चाहिए। उसे भी अपने घर की तारीफें ससुराल वालों के सामने बेवजह नहीं करनी चाहिए।
पति या बेटे के सामने बुराई
कभी भी मां को बेटे के सामने और या फिर पत्नि को पति अपनी मां या बहू की बुराई नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से भी रिश्ते कमजोर पड़ते हैं। जितना हो सके आपकी की बातों को आपस में ही सुलझा लेना चाहिए।
ससुर की भी है जिम्मेदारी
घर में सास बहू के बीच होने वाले मन-मुटाव को अगर कोई शांत कर सकता है तो वह है ससुर। जी हां, अगर घर के बड़े यानि ससुर और बेटा या पति मिलकर ठान लें कि सास-बहू के बीच होने वाले झगड़ों को हमें बड़ने नहीं देना तो सच मानें यह बात बिल्कुल उनके लिए बहुत सामान्य है। अगर सास बहू की बुराई करे तो ससुर बहू का साथ देकर उसे प्यार से समझाए, उसे ऐसा लगेगा कि चलो कम से कम पिता समान ससुर तो उसे समझने की कोशिश करते हैं।
पहनावा
आजकल ज्यादातर सास-बहू के बीच पहनावे को लेकर बहस सुनने को मिलती है। सास को चाहिए कि अपनी बहू की पसंद और न पसंद का ध्यान रखे और बहू को भी चाहिए कि वह समझे कि अब वह पापा या भाई की लाडली से ज्यादा एक परिवार की इज्जत, मान-सम्मान बन चुकी है। अगर उस घर परिवार का सम्मान पहरावे से जुड़ा है तो उसे इन बातों का जरुर ध्यान रखना चाहिए।
घरवालों को छोटी-छोटी बात बताना
आजकल मोबाइल फोन सबके पास हैं, कोई भी छोटी सी बात होने पर झट से बेटी का मां को फोन करना या फिर सास का अपनी बेटी से बहू की बुराई करना गलत बात है। ऐसा करने से भी लड़ाई-झगड़े बड़ते हैं।
तो ये थी कुछ बातें जो सास और बहू दोनों को अच्छे से समझनी चाहिए, ताली हमेशा दोनों हाथ से बजती है। चाहे शुरुआत प्यार की हो या फिर तकरार की, गलती दोनों तरफ से ही होती है। ऐसे में यदि आप इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो हो सकता है सास-बहू में मां-बेटी से भी ज्यादा प्यार और स्नेह देखने को मिले।