नरेन्द्र मोदी ने रविवार शाम को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित भव्य समारोह में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इस मौके पर राजनीति के अनुभवी और नये नेता, कारोबारी, फिल्मी सितारे सहित देशभर से आए करीब नौ हजार लोग मौजूद रहे। दिन में चिलचिलाती धूप थी और जैसे-जैसे दिन ढलता गया, वैसे-वैसे मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन के भव्य बलुआ पत्थर के गुंबद की पृष्ठभूमि में शुरू हुआ।
इस दौरान भवन केसरिया, सफेद और हरे रंग से जगमगा रहा था, जो देखने में बेहद ही शानदार लग रहा था। यह करीब ढ़ाई महीने की चुनाव प्रक्रिया का अंतिम अध्याय था, जिसमें मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा 240 सीटों के साथ सत्ता में आई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंत्रियों को शपथ दिलाई और समरोह बिगुल, समारोह वाली वर्दी में मौजूद गार्ड, फूल और भव्य साज-सज्जा के बीच शुरू हुआ लेकिन इन सबपर राजनीति हावी रही।
इस भव्य समारोह के लिए अतिथियों की सूची भी बारीकी से तैयार की गई थी। इस समारोह में विपक्ष के बहुत ज्यादा नेता नहीं थे। मोदी ने 2014 में जब पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तब दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के नेता शामिल हुए थे। दूसरी बार 2019 में उन्होंने जब इस पद की शपथ ली तब बिम्स्टेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) देशों के नेता शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण समारोह में कई धार्मिक नेता भी मौजूद रहे।
समारोह में फिल्मी सितारों का भी जमावड़ा देखा गया और बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान, अनिल कपूर, दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत, अक्षय कुमार, रवीना टंडन और अनुपम खेर भी शपथ ग्रहण के गवाह बने। हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा के टिकट पर पहली सांसद चुनी गईं कंगना रनौत भी राष्ट्रपति के प्रांगण में मौजूद थीं। कौन किसके साथ आया, कौन किसके साथ बैठा था और किसने क्या पहना था। इन सभी विवरणों को देश भर में लोगों ने टेलीविजन के माध्यम से देखा।
सत्ता के केंद्र के विपरीत छोर पर हाशिये पर रहने वाले ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग और साथ ही सफाई कर्मचारी और सेंट्रल विस्टा परियोजना मे काम करने वाले निर्माण मजदूर भी भव्य समारोह के गवाह बने। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने आए पड़ोसी देशों के नेताओं के लिए रात्रिभोज की मेजबानी की।
तमाम राष्ट्रप्रमुख जब भारत आते हैं तो उनकी दावत का भी खास ख्याल रखा जाता है। एडविन लुटियन द्वारा करीब 90 साल पहले बनाया गया राष्ट्रपति भवन अक्सर बड़े कार्यक्रमों और भोज का गवाह बनता है। यहां दो किचन हैं- एक राष्ट्रपति का निजी किचन और दूसरा राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में खानपान की जिम्मेदारी निभाने वाला किचन। राष्ट्रपति भवन के रसोइये तरह-तरह के व्यंजनों के उस्ताद हैं ।