बैंगलुरु में हर साल होने वाले नम्मा प्राइड की शुरुआत हो चुकी है। इस फेस्टिवल में कार्निवाल, मेले, और कई तरह की स्क्रीनिंग रखी जाती हैं। यह मार्च LGBTQIA+ समुदाय के सदस्यों और दुनिया भर में समानता और सम्मान के उनके अधिकारों का समर्थन करने वाले सभी लोगों द्वारा किए जाने वाला एक वार्षिक वॉक होता है। मार्च आयोजित करने पर कर्नाटक के उच्च न्यायालय के एक फैसले ने प्रतिभागियों को फ्रीडम पार्क में समसा बयालु रंगा मंदिर में जाने के लिए मजबूर कर दिया और इस साल भी उत्सव योजना के अनुसार नहीं हो पाया।
क्यों मनाया जाता है प्राइड मार्च
इस मार्च को करने का मुख्य उद्देश्य है कि विरोध करना और अपने अधिकारों की मांग करना। मार्च में ट्रांसजेंडर, दलित और अल्पसंख्यक लोग शामिल होते हैं। बैंगलुरु में होने वाले इस आयोजन में कई लोगों ने शिरकत की है, क्योंकि यह उनकी पहचान है।
लोगों ने बताया अपना अनुभव
कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों में से एक व्यक्ति ने बताया कि इस कार्यक्रम में मैं तीसरी बार हिस्सा लेने वाला हूं, मैं पिछले साल गया था और लॉकडाउन से पहले। इस साल मार्च नहीं निकला, हम लोग फ्रीडम पार्क में इकट्ठा हुए और एक बस हमें अगले स्थान पर ले गई लेकिन वैसे हम एक जगह से दूसरी जगह पर पैदल ही जाते हैं। फेस्टिवल में कम से कम 2000 लोग शामिल हुए थे जगह की कमी के कारण भीड़ ज्यादा लग रही थी।
पिछली बार से अच्छा होगा फेस्टिवल
लोगों ने बताया कि पिछली बार ज्यादा प्रदर्शन नहीं थे। परंतु इस बार प्रतिभागी ज्यादा थे, इस साल कार्यक्रम भी बहुत अच्छे से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम ज्यादातर शांतिपूर्ण था,क्योंकि ज्यादा अनुमति नहीं दी गई थी। पुलिस ने भी हमारी सहायता कि और लगातार हमारे संपर्क में ही रही।