प्रेगनेंसी के दौरान बेबी की सुरक्षा के लिए स्पेशल केयर की जरूरत होती है। कई बार ऐसा होता है कि नासमझी की वजह से बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। हम आपको बताते हैं प्रेगनेंसी के दौरान ऐसी क्या सावधानी बरतें जिससे आप और बच्चा पूरी तरह सुरक्षित रहें।
एक्स रे
प्रेगनेंसी के दौरान एक्स रे न करवाएं तो बेहतर है। डेंटल एक्स रे भी भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है।
लेड
गर्भावस्था में लेड से जितना दूर रहें अच्छा है क्योंकि इससे ब्रेन डैमेज होने तथा नर्व डेवलपमेंट रुकने का डर रहता है। यह भी कहा जाता है कि लेड के चलते बच्चे में बिहेवियरल प्रॉब्लम आ सकती है। बौद्धिक विकास कम होता है तथा बीमारियां बनी रहती हैं। इससे मिसकैरेज की भी संभावना रहती है। इसके अलावा लेड से प्रिमैच्योर डिलवरी अथवा वजन कम हो सकता है। पेट्रोल का धुआं, ऐसे पेंट जिनमें लेड मिला हो तथा बिजी हाईवे से दूर ही रहें तो बेहतर होगा।
तनाव
स्ट्रेस का लेवल जरूरत से ज्यादा होने पर कंसीव करने में काफी समस्या आती है। इससे हार्मोनल इम्बैलेंस हो जाता है तथा मिसकैरेज की संभावना बनी रहती है।
एरोमाथेरेपी
एरोमा थेरेपी के लिए एसेंशियल ऑयल प्रयोग में लाए जाते हैं। एसेंशियल ऑयल के कारण मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग हो सकती है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान एरोमाथेरेपी लेने से बचें। रिचर्स के मुताबिक नेर ऑइल (ऑरेंज ब्लॉसम फ्लॉवर) तथा मैनड्रेन, ये दो ऐसे ऑइल हैं जो सबसे ज्यादा आराम देने वाले तथा सेफ हैं। इन्हें गर्भावस्था में प्रयोग में लाया जा सकता है। लेवेंडर ऑइल प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में प्रयोग में न लाएं। इसे तीन महीने बाद यूज किया जा सकता है।
एंटीपर्सपिरेंट और डिओडोरेंट्स
कई महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान परफ्यूम तथा डिओडरेंट्स का प्रयोग करती हैं। ऐसा करना सही नहीं। केवल एल्यूमिनियम फ्री डिओडरेंट्स सेफ होते हैं। ये प्रेगनेंसी में बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाते।
विटामिन ए
विटामिन ए का जरूरत से ज्यादा सेवन बच्चे में बर्थ डिफेक्ट पैदा कर सकता है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन ए का सप्लीमेंट न लें। अगर आप मल्टी विटामिन ले रही हैं तो चेक करें कि उसमें विटामिन ए न हो।