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World Polio Day: बेहद जरूरी है जिंदगी की 'दो बूंद', जानिए पोलियो से जुड़ी बातें

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 24 Oct, 2019 02:09 PM
World Polio Day: बेहद जरूरी है जिंदगी की 'दो बूंद', जानिए पोलियो से जुड़ी बातें

दुनियाभर में हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस (World Polio Day) मनाया जाता है। इसकी मकसद पेरेंट्स को बच्चों को पोलियों पिलाने के लिए जागरूकता फैलाना है, ताकि इस बीमारी को रोकने में मदद मिल सके। हालांकि पिछले कुछ सालों के मुकाबले लोग इसे लेकर काफी सतर्क हो गए हैं, जिसकी नतीजा यह है कि भारत पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया गया है। फिलहाल देश का 87% क्षेत्र पोलियो मुक्त है।

 

क्या है पोलियो ड्राप?

पोलियो ऐसी दवा है, जिसकी एक ड्राप बच्चे को पोलियो या पोलियोमायलाइटिस से बचाती है। यह वायरस शिशु में अधिक फैलता है इसलिए छोटी उम्र में ही उन्हें पोलियो ड्राप पिलाई जाती है।

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किन बच्चों को होता है अधिक खतरा

आमतौर पर पोलियों किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन 5 साल तक के बच्चे में इसका खतरा सबसे अधिक रहता है इसलिए नवजात शिशु से लेकर 5 साल तक के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलानी जरूरी होती है।

क्या नवजात शिशु को दी जानी चाहिए पोलियो ड्राप?

नवजात शिशु के लिए भी पोलियो की खुराक उतनी ही जरूरी है, जितनी कुछ महीने या कुछ साल के बच्‍चे के लिए। नवजात को पोलियो की दवा पिलाने का कोई साइड इफेक्‍ट नहीं होता।

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कैसे खतरनाक है यह वायरस?

पोलियो के वायरस सीधे सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है जिससे सांस लेने में तकलीफ, पैरालाइसिस और मौत तक का खतरा रहता है। वहीं यह वायरस मांसपेशियों को कमजोर कर देता है, जिससे बच्चे स्थिर हो जाते हैं। ज्यादातर बच्चों के पैर पर पोलियो अटैक होता है। कुछ बच्चों को पोलियो में सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, हाथ-पैर में दर्द होता है। 70% केस में पोलियों के लक्षण दिखाई नहीं देते। ऐसे में बेहतर होगा कि आप उन्हें यह ड्राप जरूर पिलाएं।

पोलियो टीकाकरण कैसे करवाएं?

बच्चे के जन्म के बाद छठे, दसवें व चौदहवें हफ्ते में टीकाकरण करवाना चाहिए।16 से 24 महीने की आयु में बूस्टर डोज दी जानी चाहिए। इसके अलावा जब भी सरकार द्वारा पोलियो अभियान चलाया जाए तो बच्‍चे को यह ड्राप जरूर पिलाएं।

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यह एक ऐसी बीमारी है जो ठीक नहीं हो सकती। ऐसे में अगर आपको अपने बच्चे को पोलियो से बचाना है तो उसे पोलियो की ऑरल खुराक या फिर वैक्सिनेशन जरूर लगवाएं। लगभग हर अस्पताल में इसकी सुविधा उपलब्ध होती है। वहीं सरकार के द्वारा भी समय-समय पर पोलियो ड्रॉप पिलाने की मुहीम चलाई जाती है जिसमें कर्मचारी घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की बूंद पिलाते हैं।

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